‘DJ की तेज आवाज ने मेरी बेटी को मार डाला…’ 2 महीने की मासूम की मौत के बाद थाने पहुंचा पिता, पुलिस को बताया दर्द

त्योहार और पर्व-समारोहों में डीजे बजाने का चलन आम है, लेकिन कई बार यही शौक विवाद और हादसों की वजह बन जाता है. झारखंड की राजधानी रांची में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. चान्हो थाना क्षेत्र के पाटुक बाजोटोली गांव में डीजे की कथित तेज आवाज के कारण दो महीने की मासूम बच्ची की मौत हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है.

पीड़ित पिता बंधन लोहरा ने चान्हो थाना में शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर उनके घर के पास डीजे पर तेज आवाज में गाने बजाए जा रहे थे. घर के लोग बार-बार डीजे की आवाज धीमी करने की अपील कर रहे थे, लेकिन आयोजकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. लगातार तेज शोर के कारण परिवार परेशान था और इसी बीच बंधन लोहरा की दो माह की मासूम बेटी, सोनाक्षी कुमारी, की हालत बिगड़ गई. कुछ ही देर में बच्ची ने दम तोड़ दिया.

पिता ने थाने में की शिकायत

बच्ची की मौत के बाद गुस्साए पिता ने सीधे थाने में शिकायत दर्ज कराई. यह घटना राजधानी रांची में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक त्योहारों की आड़ में डीजे की कानफोड़ू आवाज लोगों की जान और शांति को प्रभावित करती रहेगी.

डीजे विवाद में वृद्ध की कर दी गई थी हत्या

यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में डीजे विवाद के कारण जानें गई हों. इससे पहले अप्रैल 2025 में खूंटी जिले के डडगमा गांव में डीजे बजाने को लेकर एक वृद्ध की हत्या कर दी गई थी. उस समय सरहुल पर्व का आयोजन चल रहा था और डीजे की धुन पर लोग पारंपरिक नृत्य कर रहे थे. डडगमा गांव के पूर्व मुखिया, 60 वर्षीय रोड़ा भृंगराज, ने डीजे की तेज आवाज का विरोध किया था. इसी बात पर वहां विवाद भड़क गया.

गुस्से में आए गांव के ही एतवा मुंडा और उसका साला बुधराम पाहन ने पूर्व मुखिया की बेरहमी से पिटाई कर दी. गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई. बाद में खूंटी पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या त्योहारों और आयोजनों में डीजे का प्रयोग नियंत्रित होना चाहिए? प्रशासन समय-समय पर डीजे के उपयोग पर पाबंदी लगाता है, लेकिन अक्सर नियमों की अनदेखी की जाती है.

Advertisements
Advertisement