झोलाछाप डॉक्टरों से उगाही का मामला गरमाया, किसानों के धरने के बाद डिप्टी सीएमओ हटाए गए

 

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बिजनौर : जिले में झोलाछाप डॉक्टरों से अवैध उगाही के मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) ने बुधवार को सीएमओ कार्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. संगठन की ओर से पहले भी इस मामले में शिकायत दी गई थी, जिस पर सीएमओ डॉ. कौशलेंद्र सिंह ने प्राथमिक कार्रवाई करते हुए एक वाहन चालक को निलंबित कर दिया था. हालांकि, मुख्य आरोपी डिप्टी सीएमओ डॉ. आर.पी. विश्वकर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज संगठन ने आंदोलन का रास्ता अपनाया.

ऑडियो रिकॉर्डिंग के जरिए लगाए गए थे आरोप

भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी रोहिताश सिंह के नेतृत्व में 5 मार्च को सीएमओ को ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन में नजीबाबाद के नोडल अधिकारी डॉ. आर.पी. विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे कि उनके ड्राइवर के माध्यम से अवैध रूप से संचालित अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों से प्रतिमाह 2,000 से 2,500 रुपये की उगाही की जा रही थी। इन आरोपों के समर्थन में संगठन ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सीएमओ को सौंपी थी.

वाहन चालक निलंबित, लेकिन मुख्य आरोपी पर कार्रवाई नहीं

सीएमओ डॉ. कौशलेंद्र सिंह ने ऑडियो रिकॉर्डिंग को गंभीर मानते हुए वाहन चालक मानवीर सिंह को उनके वर्तमान पद से निलंबित कर दिया और सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया. साथ ही, मामले की जांच के लिए एसीएमओ डॉ. पी.आर. नायर और डॉ. शरण सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन संगठन की मांग के बावजूद मुख्य आरोपी डॉ. आर.पी. विश्वकर्मा पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने धरना देने का निर्णय लिया.

धरने के बाद डॉ. विश्वकर्मा नोडल पद से हटाए गए

धरना प्रदर्शन के दौरान संगठन पदाधिकारियों ने सीएमओ से वार्ता की, जिसके बाद आदेश जारी कर डॉ. आर.पी. विश्वकर्मा को जिला नोडल क्वैक्स और उनके आवंटित कार्यक्षेत्र—ब्लॉक नजीबाबाद, जलीलपुर, नूरपुर और किरतपुर के नोडल पद से हटा दिया गया. संगठन की मांग पूरी होने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया.

भविष्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी

धरना प्रदर्शन में संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक भूदेव सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी चंद्रवीर सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी रोहिताश सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव दहिया, मंडल मीडिया प्रभारी रामोद कुमार, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष यशपाल राठी, मंडल महासचिव लवी चौधरी, पिंकुर रघुवंशी और मोहित ढाका सहित कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे.

धरना समाप्त होने के बाद संगठन ने प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी कि यदि भविष्य में भी झोलाछाप डॉक्टरों से उगाही जैसी भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आईं तो वे और भी बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे.

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