क्यूबा की एक मंत्री को अपने एक बयान के लिए पद से इस्तीफा देना पड़ा है. कम्यूनिस्ट शासित द्वीप देश की श्रम एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री मार्टा एलेना फीतो-कैबरेरा ने एक संसदीय सत्र में कहा था कि क्यूबा में एक भी भिखारी नहीं है. उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा.
मंत्री ने कहा था कि क्यूबा में ‘भिखारी’ जैसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग बिना मेहनत पैसा कमाने के लिए सड़कों पर घूमते रहते हैं और कचरा बीनते हैं. क्यूबा में आर्थिक संकट के कारण सामाजिक असुरक्षा बढ़ गई है. वहां के गरीब लोग खासकर, बुजुर्ग भीख मांगते हुए या कूड़ा बीनते हुए दिख जाते हैं.
देश के इन हालातों को अनदेखा करते हुए फीतो ने नेशनल असेंबली समिति के समक्ष सोमवार को कहा, ‘हमने लोगों को देखा है…वो सिर्फ दिखने में भिखारी लगते हैं, उनके हाथ, उनके कपड़े ही भिखारी जैसे होते हैं, लेकिन वो भिखारी होते नहीं हैं. क्यूबा में कोई भिखारी नहीं है. यहां लोग आसानी से पैसा कमाने के लिए भिखारी होने का नाटक करते हैं.’
उन्होंने कहा कि क्यूबा में जो भिखारी बिना कहे कार का शीशा साफ कर देते हैं, वो लोगों से मिले पैसों से शराब पीते हैं. फीतो ने कचरे वाली जगह से चीजें बीनने वाले लोगों पर भी निशाना साधा और कहा कि वो कूड़े से सामान निकालकर फिर से उसे बेच देते हैं. उन्होंने कचरे से बोतलें आदि खोजने वाले लोगों को ‘रीसाइक्लिंग सर्विस में अवैध भागीदार’ बताया.
भिखारियों पर टिप्पणी से भड़के क्यूबा के लोग तो देना पड़ा इस्तीफा
कुछ साल पहले की बात करें तो, क्यूबा में भीखमंगी की दर न के बराबर थी लेकिन हाल के सालों में देश में भिखमंगी की समस्या देखने को मिली है. गरीबी से तंगहाल लोग सड़कों पर भीख मांगते देखे जा सकते हैं.
क्यूबा में भिखारियों को लेकर मंत्री फीतो की टिप्पणी पर क्यूबा के नेता और लोग बेहद नाराज हैं. द्वीप के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल को भी इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी जिसके तुरंत बाद फीतो का इस्तीफा सामने आया है. क्यूबा के राष्ट्रपति ने बिना फीतो का नाम लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि देश का नेतृत्व अपने लोगों की वास्तविकता से आंख नहीं मूंद सकता.
मंत्री फीतो ने इस बात का बिल्कुल अनुमान नहीं लगाया होगा कि उनका एक बयान उनकी कुर्सी पर बन आएगा और उनकी टिप्पणी से इतना भयंकर गुस्सा पैदा होगा. क्यूबा में गरीबी बढ़ती जा रही है और खाद्यान्नों की कमी से भी लोग जूझ रहे हैं. खाद्यान्नों की महंगाई की वजह से क्यूबा के कई लोग अपने लिए खाना भी नहीं जुटा पा रहे हैं और भीख मांगने को मजबूर हो रहे हैं.
सोमवार को देश के अधिकारियों ने बताया कि क्यूबा का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2024 में 1.1 प्रतिशत गिर गया, जिसके साथ ही पिछले पांच सालों में देश की जीडीपी में कुल गिरावट 11 प्रतिशत हो गई है. क्यूबा के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने भी एक पत्र प्रकाशित कर अपनी श्रम मंत्री को पद से हटाने की मांग की और कहा कि उनकी टिप्पणियां ‘क्यूबा के लोगों का अपमान’ हैं. क्यूबा के अर्थशास्त्री पेड्रो मोनरियल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि क्यूबा में ‘मंत्रियों के वेश में ऐसे लोग’ भी हैं. फीतो-कैबरेरा के इस्तीफे को क्यूबा कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार ने स्वीकार कर लिया है.