राजस्थान : सीमा से सटा राजगढ़ जिला, जिले में प्रचलित नातरा झगड़ा जैसी कुप्रथाओं का दंश आज भी झेल रहा है,जिसे रोकने के लिए जिले में आने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगाते है,लेकिन उसके बावजूद भी इनका फैसला खाप पंचायतों के माध्यम से ही होता है.
बाल विवाह और नातरा झगड़ा जैसी कुप्रथाओं की रोकथाम के लिए बुधवार को राजगढ़ जिला पंचायत के सभा कक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई,जिसमे सर्व समाज के जिम्मेदार और जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए,जहां सभी ने अपना अपना पक्ष रखा और इसकी रोकथाम के लिए मशवरा दिया.
वही उक्त कार्यशाला में मौजूद,खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हजारीलाल दांगी ने अपने उद्बोधन के दौरान ये स्वीकार किया कि,पुलिस वा प्रशासनिक अधिकारी जब ऐसे कृत्य को रोकने के लिए पहुंचते है,तो उन्हें रोकने और ऐसी कुप्रथाओं को बढ़ावा देने वाले भी हम जनप्रतिनिधि है.
हजारीलाल दांगी ने कहा कि,विभागों के जब छोटे कर्मचारी इन कुप्रथाओं की रोकथाम के लिए गांव में पहुंचते है तो हम लोग ही उन्हें रोकते है,यदि हम जनप्रतिनिधि और समाज के जिम्मेदार लोग यदि उन्हें रोकने की बजाय उनका सहयोग करने लग जाएंगे तो निश्चित रूप से इस पर कंट्रोल किया जा सकता है.
वही उक्त कार्यशाल में मौजूद मुफ्ती शाकीर ने भी अपने संबोधन के दौरान कहा कि,मुस्लिम समाज के अंदर बाल विवाह न के बराबर है,उसकी बड़ी वजह यह है कि,हमारे जिले के जो काजी है,सैय्यद नाजिम अली है इनके पूरे जिले के काजियों को सख्त निर्देश है कि,सिर्फ मौखिक ही नहीं बल्कि कागजों से भी जब तक ये पुख्ता न हो जाए कि लड़का लड़की बालिग है अथवा नहीं जब तक हम लोग निकाह नहीं पढ़ाते और शासन प्रशासन का पूरा सहयोग करते है और आगे भी करते रहेंगे.