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अखंड ज्योति जल रही है, मैं कहीं नहीं जाऊंगा, मंदिर में फंसे साधु ने एसडीआरएफ को दिया जवाब

मुरैना: कुछ दिनों से हो रही अत्यधिक बारिश के चलते डैम ओवरफ्लो हो गए हैं. पगारा डैम के 6 गेट खुलने के बाद मुरैना जिले की क्वारी, आसन और सांक नदियों में उफान आने से एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. एसडीआरएफ की 6 टीमों ने दिमनी क्षेत्र के लहर, सुमावली क्षेत्र के लोहगढ, घुरैयाबसई और सिविल लाइन थाना क्षेत्र के डोमपुरा में रेस्क्यू कर दर्जन भर से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया है. वहीं बारिश और बाढ़ के पानी से किसानों की हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई है.

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पगारा बांध के पानी से क्षेत्र में बाढ़

तेज बारिश से जिले के पगारा, कोतवाल, पिलुआ बांध के गेट खुले हुए हैं. पगारा बांध के पानी से आसन नदी 20 साल बाद ओवरफ्लो हो गई, जिससे आसपास के गांव पानी से घिर गए हैं. एसडीआरएफ टीम ने लोहगढ़ गांव में फंसे दो दर्जन ग्रामीणों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पहुंचाया. नवोदय फीडर विद्युत सब स्टेशन में पानी भरने से बिजली आपूर्ति बाधित है. सुबह 4 बजे से विद्युत आपूर्ति बंद होने से पूरे कस्बे में लोग परेशान हैं. वहीं बिजली कंपनी के अधिकारी बिजली सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने में लगे हुए हैं.

मंदिर में फंसे साधु के पास पहुंची एसडीआरएफ टीम

मुरैना सिविल लाइन थाना क्षेत्र के डोमपुरा गांव में आसन नदी का पानी आ जाने से पूरा गांव पानी में घिर गया है. सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची. गांव के पास स्थित एक मंदिर के अंदर साधु के 2 दिनों से फंसे होने की सूचना मिली. एसडीआरएफ टीम कमांडेंट सुमन विसौरिया के नेतृत्व में जब बोट डोमपुरा सिद्ध आश्रम के अंदर पहुंची तो साधु नरसिंहदास ज्योति जलाते हुए मिले. जब एसडीआरएफ टीम ने साधु से कहा कि बाबा सुरक्षित जगह चलो, लेकिन मंदिर के पुजारी ने मंदिर छोड़ने से मना कर दिया और कहा कि मंदिर में अखंड ज्योति जल रही है, मैं कहीं नहीं जाऊंगा. मैं यहीं बैठकर ज्योति जलाऊंगा. अब जो होगा देखा जाएगा. दो दिन बाद पानी उतरने लगेगा, सब सामान्य हो जाएगा. भोजन के बारे में पूछने पर साधु ने कहा कि चना रखे हैं, उनसे ही काम चल जाएगा. इसके बाद एसडीआरएफ टीमें लौट गई.

मकान-दुकान क्षतिग्रस्त, 29 मवेशी मरे

अंचल में हुई बारिश व नदियों में आई बाढ़ से कई मकान-दुकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं, 29 मवेशी भी मारे गये हैं. कई जगह रास्ते उखड़ने से आवागमन ठप हो गया है. एसडीआरएफ की टीम सुबह 4 बजे से तमाम क्षेत्रों में जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. इस दौरान टीम द्वारा ग्राम डाबी का पूरा, सांवले का पूरा, टीकाराम का पूरा से 29 लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है, जिनमें 16 बच्चे शामिल हैं. वहीं 6 अन्य लोगों का भी रेस्क्यू किया गया है.

3 घंटे तक आसन नदी पर खड़ी रही ट्रेन

मूसलाधार बारिश की वजह से दर्जनों मकानों की दीवार गिर गई हैं. वहीं, बीते दिन सुमावली क्षेत्र में सुमावली से जौरा जाने वाली मेमो ट्रेन आसन नदी पुल पर 3 घंटे तक खड़ी रही. आगे 15 फीट ऊंचे ट्रैक से मिट्टी-गिट्टी बारिश के पानी के साथ बह गई. इसके बाद गेंगमैनों ने ट्रैक को सही कर ट्रेन को आगे बढ़ाया. गदालपुरा, राजघाटपुरा, बड़ोना गांव में आसन नदी का पानी घरों में भर गया. झिरैना गांव में पानी आने से एक दर्जन लोगों ने अपने घर खाली कर दूसरी जगह डेरा डाले हुए हैं. आसन नदी पर बने धमकन घाट, झिरैना घाट, खनेता घाट पुल पर पानी आने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने बेरीकेट्स लगाकर रास्ता बंद किया है. वहीं, पुरातत्व विभाग की गढ़ी पर बने राधाकृष्ण मंदिर व कन्या मिडिल स्कूल के खाली भवन की दीवार गिर गई है. साथ ही आदिवासी पुरा में कई लोगों की मिट्टी से बनी झोपड़ी भी गिर गई है.

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