राजधानी में पुलिस और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी की गई। अब तक छह बांग्लादेशी और एक सहयोगी को पकड़ा गया है। हाल ही में टिकरापारा थाना क्षेत्र से 10 बांग्लादेशी संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। ये वही गिरोह है, जिसके तीन सदस्य इराक भागने की फिराक में मुंबई से पकड़े गए थे। इनकी मदद करने वालों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। हालांकि, इस पूरे नेटवर्क को सहयोग देने वाले स्थानीय लोगों की भूमिका पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सूत्रों के अनुसार, रायपुर जिले में करीब एक हजार से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे हैं। राज्य में डिटेंशन सेंटर की नहीं होने के कारण टिकरापारा थाना को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में तब्दील किया गया है। पुलिस ने जिन 10 बांग्लादेशियों को हाल में पकड़ा है, उन्हें वहीं रखा गया है।
ठेले में अनलिमिटेड अंडा स्कीम
दिलावर खान ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए अपने अंडा ठेले को माध्यम बनाया था। उसने एक तय राशि में अनलिमिटेड अंडा रेसिपी योजना शुरू की थी, जिससे उसका नेटवर्क लगातार फैलता गया। इस योजना के पीछे की मंशा अब संदेह के घेरे में है।
पार्षद की भूमिका संदिग्ध
तीन अलग-अलग मामलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विशेषकर पूर्व पार्षदों के नाम सामने आए हैं, लेकिन उनकी भूमिका की जांच शुरू नहीं की है। आरोप है कि कुछ पार्षदों ने दस्तावेज तैयार कराने और आवास उपलब्ध कराने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई।
रीवा से नहीं मिला सुराग
धरमनगर से गिरफ्तार बांग्लादेशी दंपति ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मध्यप्रदेश के रीवा चाकघाटा से कक्षा आठवीं की फर्जी अंकसूची बनवाई थी। टिकरपारा थाने की टीम बुधवार को उस स्कूल पहुंच कर जांच की, लेकिन कोई अहम जानकारी हाथ नहीं लगी है।
दिलावर खान लगाता था अंडे का ठेला
गिरफ्तार दंपति के मुखिया दिलावर खान के फर्जी दस्तावेजों की व्यवस्था कराने में उसके अंडा ठेले में काम करने वाले कर्मचारी की अहम भूमिका सामने आई है। दिलावर ने उसकी मदद से फर्जी अंकसूची बनवाई थी।