नारायणपुर: विशेष पिछड़ी जनजाति अबूझमाड़िया के आश्रय स्थल माओवाद प्रभावित अबूझमाड़ और नारायणपुर क्षेत्र में मतांतरण और मानव तस्करी का जाल फैल रहा है। शुक्रवार को दुर्ग स्टेशन से मानव तस्करी कर आगरा ले जाई जा रही अबूझमाड़ व नारायणपुर की तीन युवतियों को यहां के एक स्थानीय युवक और दो नन द्वारा आगरा (उत्तर प्रदेश) ले जाने से पहले पुलिस ने पकड़ लिया था। इस घटना ने एक नई चिंता पैदा कर दी है। हिंदू संगठनों ने मानव तस्करी और प्रलोभन देकर मतांतरण के प्रयासों की विस्तृत जांच की मांग पुलिस से की है
न्यायिक हिरासत में भेजे गए सभी आरोपी
मानव तस्करी के आरोपित सुखमन और दोनों नन प्रीति मेरी व वंदना फ्रासिंस के विरुद्ध इस मामले में अपराध दर्ज कर सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। तीनों युवतियों कमलेश्वरी कुकड़ाझोर, ललिता जाबगुड़ा और सुखमती पोछवाड़ा को सखी वन स्टाप सेंटर दुर्ग में रखा गया है। जिन्हें लेने कमलेश्वरी के माता-पिता को साथ लेकर पुलिस दल रविवार को दुर्ग के लिए रवाना हो गया है। नईदुनिया ने रविवार को नारायणपुर से आठ किलोमीटर दूर ग्राम कुकड़ाझोर जाकर कमलेश्वरी के स्वजन से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली।
कमलेश्वरी की बड़ी बहन ने बताया कि मरकाबेड़ा निवासी सुखमन ने कमलेश्वरी और अन्य दोनों युवतियों को नर्स की ट्रेनिंग के लिए आगरा ले जाने को राजी किया था। उसका कहना था कि उसकी स्वयं की बहन आगरा से ट्रेनिंग लेकर लौटने के बाद यहां क्रिश्चियन हास्पिटल में नौकरी कर रही है। तीनों युवतियों को आगरा में ट्रेनिंग के दौरान आठ-आठ हजार रुपये वेतन देने की बात कही गई थी। ट्रेनिंग से लौटने के बाद हास्पिटल में इससे अधिक वेतन पर नौकरी पर रखने का वादा किया गया था।
हालांकि कमलेश्वरी की बड़ी बहन ने कहा कि कमलेश्वरी नौकरी मिलने की बात पर स्वेच्छा से जा रही थी। कुकड़ाझोर व अबूझमाड़ के कुछ क्षेत्रों से जानकारी लेने पर लोगों ने दावा किया कि क्षेत्र से इसके पहले भी युवक युवतियों को सेवा कार्य, ट्रेनिंग आदि के लिए बाहर ले जाया जाता रहा है। सुखमन के बारे में मिली जानकारी के अनुसार वह चर्च जिसे मतांतरित परिवार प्रार्थना घर कहते हैं, में प्रार्थना करने जाता था। युवाओं को प्रभावित करने में भी उसकी भूमिका की लोग चर्चा करते हैं
निजी भूमि पर चर्च
कुकड़ाझोर नयापारा में ईश्वर गोटा की निजी जमीन पर चर्च बना है। यहां कमलेश्वरी का घर जिस पारा में है वहां 60 घर हैं। जिनमें सात परिवार चर्च जाते हैं। स्थानीय पुलिस भी पूरे मामले की जांच कर रही है। जिले से मानव तस्करी को लेकर जानकारी पुलिस द्वारा जुटाई जा रही है। चर्चा यह भी हैं जहां माओवादियों के भय से आम लोग आने-जाने से भय खाते हैं वहां अंदरूनी क्षेत्रों तक समुदाय विशेष की पहुंच बढ़ी है। पुलिस का कहना है कि युवतियों के लौटने के बाद उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।