भारत में हिंदुओं की आबादी घटी तो मुसलमानों की बढ़ी है. सरकारी पैनल की एक रिसर्च में ये जानकारी सामने आई है. इसमें बताया गया है कि भारत ही नहीं, नेपाल में भी हिंदुओं की संख्या घटी है. स्टडी में साल 1950 से लेकर साल 2015 के बीच भारत में जनसांख्यिकी में आए बदलाव के बारे में जानकारी दी गई है.
भारत में हिंदुओं की आबादी में 7.82 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं, मुसलमानों की संख्या बढ़ गई है. सरकारी पैनल ने 65 साल की स्टडी की है, जिसमें ये खुलासा हुआ. भारत के अलावा, नेपाल और म्यांमार में भी हिंदुओं की संख्या घटी है. स्टडी के मुताबिक, मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमानों की संख्या बढ़ी है. बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी 18 फीसदी बढ़ी है तो पाकिस्तान में ये आंकड़ा 10 फीसदी है.
स्टडी में 1950 से लेकर 2015 के बीच भारत में जनसांख्यिकी में आए बदलाव के बारे में जानकारी दी गई है. एक तरफ भारत में हिंदुओं की संख्या घट गई है, तो वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों, ईसाई और सिखों की संख्या में इजाफा हुआ है. 1950 और 2015 के बीच, भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15% की वृद्धि हुई. वहीं ईसाइयों में 5.38% की वृद्धि, सिखों में 6.58% की वृद्धि और बौद्धों में मामूली इजाफा देखा गया.
स्टडी के मुताबिक, 1950 में हिंदुओं की आबादी 84.68% थी जो 2015 में घटकर 78.06% हो गई. म्यांमार के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा हिंदू आबादी कम हुई है. म्यांमार में भी हिंदुओं की आबादी 10% तक घटी है. यह 167 देशों में किए गए सर्वे में सबसे ज्यादा है. भारतीय उपमहाद्वीप में मालदीव को छोड़कर सभी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी है.
1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में इस तरह की सबसे बड़ी वृद्धि हुई है. पाकिस्तान में मुसलमानों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.
नेपाल में तीन प्रमुख धर्मों में से बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 4 प्रतिशत की गिरावट आई. बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मुस्लिम आबादी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई.