UPA शासन में बढ़ी मतदाताओं की संख्या, राहुल गांधी की आपत्तियों पर उठे सवाल..

सोशल मीडिया के जमाने में राजनीतिक बढ़त बनाने के लिए आजकल मनगढ़त दावों और आरोपों का सहारा खूब लिया जाने लगा है. जब तक पोल खुलती है तब तक नैरेटिव बनाने का काम हो चुका होता है. इस रणनीति की शुरूआत हालांकि बीजेपी ने ही की थी पर आज आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस खेल के बड़े खिलाड़ी हो चुके हैं. और इस खेल का ज्यादा नुकसान बीजेपी को ही हो रहा है, क्‍योंकि वह सत्‍ता में बैठी है. लोकसभा चुनाव में संविधान को खत्म करने का हौव्वा खड़ा किया गया और बीजेपी सत्ता से बाहर होते-होते बची. कांग्रेस को लोकसभा चुनावों के रिजल्ट आने के बाद न तो ईवीएम में गड़बड़ी दिखी और न ही मतदाता सूची में कोई हेरफेर नजर आई. पर हरियाणा और महाराष्ट्र में उन्हें ईवीएम ही नहीं मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी दिख रही है.

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राहुल गांधी के आरोपों को आंकड़े दिखाते हैं आईना?

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, शिवसेना सांसद संजय राउत और एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब पर ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने कहा, ‘2019-2024 में 32 लाख मतदाता जुड़े, 2024 के लोकसभा और फिर हुए विधानसभा चुनाव के बीच 39 लाख मतदाता जुड़ गए. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के मतदाता महाराष्ट्र की वयस्क आबादी से ज़्यादा हैं. राहुल गांधी के आरोप सुनने में बहुत गंभीर लगते हैं पर जब आप इनकी तह में जाएंगे तो पता चलेगा कि किस तरह आम लोगों को बरगलाने का काम चल रहा है. नीचे दिए गए आंकड़ों को देखिए और समझिए…
महाराष्‍ट्र में 2019 विधानसभा और 2024 की लोकसभा के बीच बेशक 32,23,493 वोटर बढ़े. यदि इसमें 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच जोड़े गए वोटरों (39,63,359) को मिला लिया जाए तो ये आंकड़ा 71,86,852 तक पहुंच जाता है. फिलहाल यहां तक तो राहुल गांधी बता रहे हैं. पर इसके पीछे की बात वो नहीं बताते. आइये देखते हैं.

महाराष्‍ट्र में 2014 के विधानसभा से 2019 के लोकसभा चुनाव के बीच 51,48,636 वोटर बढ़ गए. जो कि 2019-24 के बीच अंतर से करीब 20 लाख ज्‍यादा है. अब जरा 2009 के विधानसभा से 2014 के लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्‍ट्र में जुड़े वोटरों की संख्‍या पर एक नजर डाल लीजिये. उसके आगे तो राहुल गांधी की ताजा आपत्ति कहीं नहीं ठहरती. क्‍योंकि यूपीए शासनकाल के उन पांच वर्षों के बीच महाराष्‍ट्र में 48,30,511 लाख नए वोटर जुड़े. क्‍या राहुल गांधी जवाब देंगे कि तब वो 48 लाख वोटर कहां से जाए थे. यदि 2009 से 2014 के बीच के पांच साल और फिर लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच बढ़े वोटरों को मिला लिया जाए तो तब 75,59,998 नए वोटर जुड़े. ये संख्‍या 2019 से 2014 में चुनावों के बीच बढ़ी संख्‍या से चार लाख ज्‍यादा है. यानी, यूपीए के दौर में हुए चुनाव के दौरान ज्‍यादा मतदाता जोड़े गए.

महाराष्‍ट्र में कुल मतदाताओं की संख्‍या (चुनाव आयोग के अनुसार)
9,30,61,760 -लोकसभा चुनाव-2024
9,70,25,119 -विधानसभा चुनाव-2024
2024 के लोकसभा और विधानसभा के बीच नए 39,63,359 वोटर जुड़े

(2019 विधानसभा से 2024 लोकसभा चुनाव के बीच 32,23,493 वोटर जुड़े)

8,86,76,946 -लोकसभा चुनाव-2019
8,98,38,267 -विधानसभा चुनाव-2019
2019 के लोकसभा और विधानसभा के बीच नए वोटर जुड़े- 11,61,321

(2014 विधानसभा से 2019 लोकसभा चुनाव के बीच 51,48,636 वोटर जुड़े

 

8,07,98,823 -लोकसभा चुनाव-2014
8,35,28,310 -विधानसभा चुनाव-2014
2014 के लोकसभा और विधानसभा के बीच नए 27,29,487 वोटर जुड़े

(2009 विधानसभा से 2014 लोकसभा चुनाव के बीच 48,30,511 वोटर जुड़े)

7,29,54,058 -लोकसभा चुनाव-2009
7,59,68,312 -विधानसभा चुनाव-2009
2009 के लोकसभा और विधानसभा के बीच 30,14,254 नए वोटर जुड़े

ऊपर दिए गए आंकड़ों को ध्यान से देखिए. ये आंकड़े 2009, 2014 , 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों में बढ़े मतदाताओं की संख्या के बारे में बताते हैं. राहुल गांधी कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों में करीब 39 लाख मतदाता बढ़ गए. राहुल गांधी की बात कोई भी सुनेगा तो उसके कान खड़े हो जाएंगे. पर राहुल गांधी बहुत चतुराई से 2009, 2014, 2019 के आंकड़े छुपा ले गए. जब हम तुलनात्मक तौर से देखते हैं तो पता चलता है कि ये बढ़ोतरी तो नॉर्मल है. इस तरह से किसी को भी 2024 के बारे केवल बताना पूरी सूचना छुपाना है.

2024 में भी इस तरह के एक झूठ का चुनाव आयोग ने विरोध जताया

महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि एनडीए ने उन 50 विधानसभा सीटों में से 47 पर जीत दर्ज की, जिन पर मतदाताओं की संख्या 50,000 से ज्‍यादा बढ़ी थी. इसके साथ ही मतदाता सूची से नामों को मनमाने ढंग से हटाया गया था. पार्टी ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को भी चुनौती दी थी. 24 दिसंबर 2024 को अपने विस्तृत जवाब में चुनाव आयोग ने कांग्रेस के इस दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया. आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल छह विधानसभा क्षेत्रों में ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच 50,000 से अधिक मतदाताओं की वृद्धि हुई थी, इसलिए कांग्रेस का यह दावा निराधार है कि एनडीए ने 47 सीटें इसी वजह से जीतीं. चुनाव आयोग ने बताया कि हर सीट पर औसतन 2,779 मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिसका कारण उनकी मृत्यु, मतदाताओं के स्थानांतरण और डुप्लिकेट प्रविष्टियां थीं.

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