जिसने सहेली पर फेंका था एसिड, जबलपुर जेल में उसने दूसरी महिला बंदियों की नाक में किया दम..

ग्वारीघाट के अवधपुरी कॉलोनी में पड़ोसी बचपन की सहेली पर तेजाब फेंकने वाली इशिता साहू को कारागार में पैनी निगरानी में रखा गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार पहुंचने के बाद इशिता ने अन्य महिला बंदियों के साथ अभद्रता की थी। उसके व्यवहार में आक्रामकता था। जिसे देखते हुए जेल प्रबंधन उस पर 24 घंटे निगरानी रख रहा है।

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कारागार में उससे जब श्रद्धा पर तेजाब कांड को लेकर पूछा गया तो वह उत्तेजित हो गई। वह बोली कि मैं तो उस पर बोतल की पूरी तेजाब उड़ेल देना चाहती थी। लेकिन लगा कि आधे में ही काम हो जाएगा। लेकिन वह पूरी जल नहीं पाई।

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अब जो होना था वह हो गया। कारगार में उसके व्यवहार से ऐसा नहीं लगता कि उसे कोई पछतावा हो। उसके आक्रामक व्यवहार व अन्य महिला बंदियों के साथ विवाद की स्थिति न बनें, इसलिए प्रहरी उस पर लगातार नजर रखते है।

श्रद्धा की सुंदरता से जलती थी इशिता

आरोपित इशिता की पड़ोस में रहने वाली श्रद्धा दास (23) से बचपन से दोस्ती थी। लेकिन वह मन ही मन श्रद्धा की सुंदरता और उसकी प्रशंसा से जलती थी। हाल ही में श्रद्धा की कोलकाता में एक नामी कंपनी में नौकरी लगी थी। यह पता लगने पर उसके मन में द्वेष और बढ़ गया। उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ने से रोकने के लिए उसने 29 जून को श्रद्धा को सरप्राइज देने का बोलकर घर से बुलाया और फिर उस पर तेजाब फेंक दिया।

श्रद्धा का 50 प्रतिशत शरीर झुलस गया

तेजाब के हमले में श्रद्धा का पचास प्रतिशत शरीर झुलस गया। वह अस्पताल में भर्ती है। जिसके बाद आरोपित इशिता को गिरफ्तार किया। वह केंद्रीय कारागार में बंद है। इशिता को श्रद्धा पर हमले के लिए तेजाब उपलब्ध कराने में उसके दोस्त अंश शर्मा ने सहायता किया था।

साथ देने वाला अंश भी जेल में

आरोपित अंश भी केंद्रीय कारागार में बंद है। उसे जेल के पश्चिमी द्वार की छोटी गोल में रखा गया है। वहीं, इशिता महिला सेल में बंद है। मामले में सिविक सेंटर स्थित अनुप्रास इंटरप्राइजेस के संचालक शक्तिनगर निवासी सत्येंद्र गुप्ता भी आरोपित है। उसपर बिना लाइसेंस के तेजाब बेचने का मामला दर्ज है।

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