Kolhapur Doctor perform Successful Brain Surgery: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कनेरी मठ सिद्धगिरी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में एक मरीज की बांसुरी बजाते समय सफलतापूर्वक ब्रेन सर्जरी की गई. डॉक्टरों की एक टीम ने लगभग 5 घंटे में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया.
बेलगावी (कर्नाटक): महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कनेरी मठ सिद्धगिरी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के एक डॉक्टर ने मरीज के बांसुरी बजाते समय सफलतापूर्वक ब्रेन सर्जरी की और ट्यूमर निकालकर दुर्लभ रिकॉर्ड बनाया. अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. शिवशंकर मरजके और एनेस्थेटिस्ट प्रकाश भारमगौड़ा ने सफल सर्जरी करके चिकित्सा जगत को चौंका दिया है.
गौर करने वाली बात यह है कि सर्जरी तब की गई जब मरीज आराम से लेटा हुआ बांसुरी बजा रहा था और उसे कोई परेशानी नहीं हुई. सिद्धगिरी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉक्टरों की एक टीम ने एक बांसुरी वादक का लगभग 5 घंटे तक सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया. इन टीम ने अब तक कुल 103 ब्रेन सर्जरी की है. सिद्धगिरी अस्पताल जागृत क्रैनियोटॉमी सर्जरी के लिए भी प्रसिद्ध है. कनेरी मठ के अदृष्य कदसिद्धेश्वर स्वामीजी ने डॉक्टर की उपलब्धि की सराहना की है.
सर्जरी की सफलता पर डॉक्टरों ने क्या कहा?
डॉ. शिवशंकर मराजके ने कर्नाटक के बेलगावी में मीडिया को ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, “आमतौर पर सर्जरी के दौरान हम मरीज को एनेस्थेटिक इंजेक्शन देकर बेहोश कर देते हैं. लेकिन यहां हमने सिर्फ सिर के ऊपरी हिस्से को एनेस्थीसिया दिया. मरीज के मुंह, नाक, आंख, हाथ और पैर समेत शरीर के सभी अंग काम कर रहे थे. जिस मरीज की सर्जरी हुई, उसे बांसुरी बजाने का शौक है. इसलिए हमने उसे बांसुरी बजाने को कहा और उसके दिमाग से ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला.”
देश के 10-12 हिस्सों में ही ऐसी ब्रेन सर्जरी
डॉ. मराजके ने बताया कि देश के 10-12 हिस्सों में ही ऐसी ब्रेन सर्जरी होती है. हर जगह इसका बिल 10-15 लाख रुपये आता है. लेकिन हमारे सिद्धगिरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में यह सर्जरी 1 लाख 25 हजार रुपये में होती है. उन्होंने कहा कि यह सब कनेरी मठ के स्वामीजी की गरीब मरीजों के प्रति सहानुभूति के कारण संभव हुआ है.”
बेलगावी के कनेरी मठ के अद्रश्य कादसिद्धेश्वर स्वामीजी ने कहा, “ऑपरेशन मरीज के जागते हुए किया गया. पूरे एशिया में ऐसा किसी ने नहीं किया है. हमारे कनेरी मठ के सिद्धगिरी अस्पताल ने इस तरह का अनूठा रिकॉर्ड बनाया है. मरीज का आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से बांसुरी बजाते और आइसक्रीम खाते हुए ऑपरेशन किया गया. मजदूरी करके गुजारा करने वाले गरीब मरीजों की सर्जरी के लिए बिल घटाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है और बिल का केवल 50 प्रतिशत ही हमारे फंड से लिया जा रहा है.”