‘ओसामा बिन लादेन को भूले नहीं होंगे अमेरिका के लोग’, ट्रंप-मुनीर के लंच का जिक्र कर बोले शशि थरूर

Donald Trump Asim Munir Lunch: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ लंब पर हुई बैठक पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भोजन अच्छा रहा होगा और इस दौरान उन्हें कुछ विचार करने को भी मिला होगा.”

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‘ओसामा बिन लादेन को भूले नहीं होंगे अमेरिका के लोग’

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इन मुलाकातों में अमेरिकियों ने पाकिस्तान को याद दिलाया होगा कि वह अपनी धरती से आतंकवादियों को हमारे देश में भेजने, उन्हें मार्गदर्शन देने, प्रशिक्षण देने, हथियार देने, फंड देने, उपकरण देने और भेजने में सक्षम नहीं है. अमेरिका में लोग ओसामा प्रकरण को इतनी जल्दी नहीं भूल सकते हैं.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट खुद को दिया है. ट्रंप के बयान के बाद कांग्रेस एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया पर पार्टी के सांसद शशि थरूर ने कहा कि मध्यस्थता का मतलब समानता होता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को भेजने वाले और उसे खदेड़ने वालों के बीच कोई समानता नहीं है.

मध्यस्थता के दावों पर ट्रंप को दिखाया आईना

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान हमला करने का फैसला करता है तो हम उसका जवाब देंगे. हमने यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि दुनिया को दिया गया. अगर हम भारत सरकार और सेना की रोजाना ब्रीफिंग देखें तो उसमें साफ है कि हमें रोकने के लिए कभी मनाने की जरूरत नहीं पड़ी.”

‘हमने किसी से मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया’

कांग्रेस सांसद ने कहा, “अगर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किसी पर दवाब था भी तो वो पाकिस्तान और वहां के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर पर था. यह हम सभी को समझना चाहिए. अमेरिका ने उस समय पाकिस्तान पर जो भी दवाब डाला होगा उसे हमने ऐसा करने के लिए नहीं कहा. हमने किसी से मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया. जब अमेरिका में हमने प्रतिनिधिमंडल की बैठकों इसे समझाया तो यह पूरी तरह से समझ में आ गया.”

अमेरिकी प्रशासन को सब पता है- शशि थरूर

तिरुवनंतपुरम के सासंद ने कहा, “मैं सबको आश्वस्त कर सकता हूं कि पीएम मोदी ने हमें जो रिपोर्ट दी है वही संदेश हमने दुनिया को दिया. मैंने व्यक्तिगत रूप से यूएसए के उपराष्ट्रपति से बात की. हमने इसे सार्वजनिक रूप से न कहकर कूटनीतिक तरीके से कहा, लेकिन अब मैं इस बातों को खुलकर बोल सकता हूं. अमेरिकी प्रशासन के सभी अधिकारी को पता है कि भारत मध्यस्थता के मामले में कहां खड़ा है.”

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