महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव रद्द करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, विपक्ष को लगा करारा झटका

पिछले साल 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकरएक तरफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों और चुनाव आयोग के बीच में तकरार चल रही है. वहीं दूसरी तरफ बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 अगस्त) को बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें HC ने इसी चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था. जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने ये फैसला दिया है.

चेतन चंद्रकांत अहिरे ने याचिका दायर करके विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों को रद्द करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में गड़बड़ी से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस मांग को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद चेतन चंद्रकांत अहिरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी.

चेतन अहिरे ने दायर की थी याचिका

एक तरफ यह चुनाव आयोग के लिए बड़ी राहत भरी खबर है, जबकि सर्वोच्च अदालत द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने से विपक्षी दलों के नेताओं के आरोपों को करारा झटका लगा है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के नेता चेतन अहिरे ने दायर की थी.उनका आरोप था कि करीब 75 लाख फर्जी मतदाताओं ने शाम 6 बजे मतदान खत्म होने के बाद भी वोट डाले थे.

‘याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है’

अहिरे की याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस जी. एस. कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ एस. डॉक्टर की बेंच ने कहा था कि इस याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है. इसलिए हम इसे खारिज कर रहे हैं. हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिका की सुनवाई में कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है. लेकिन, कोर्ट याचिकाकर्ता पर कोई जुर्माना नहीं लगा रही है. इस मामले की सुनवाई के दौरान वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर नेकोर्ट में आरोप लगाया था कि चुनाव के दौरान कई निर्वाचन क्षेत्रों में पड़े पैमाने पर फर्जी वोट डाले गए हैं.

विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप

याचिका में नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़ी धांधली का आरोप लगाया गया था. याचिका में कहा गया था कि मतदान के आधिकारिक समापन समय (शाम छह बजे) के बाद 76 लाख से अधिक वोट डाले गए और लगभग 95 निर्वाचन क्षेत्रों में कई विसंगतियां देखी गईं. जिनमें डाले गए वोट और गिने गए वोटों की संख्या नहीं मिलती.

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