“दोस्ती के पीछे छिपा था मौत का प्लान! मशहूर होने की ख्वाहिश में की अंशुमान की हत्या, विशेष प्रताप सिंह बना मास्टरमाइंड

Uttar Pradesh: गोंडा जनपद विकासखंड नवाबगंज के मरहमपुर के ढेमवा-रांगी मार्ग पर स्थित एक सुनसान जगह पर छात्र की गोली मारकर हत्या की एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे जिले की पुलिस को भी सक्रिय कर दिया. मामला है एक युवक अंशुमान की हत्या का, जिसे पहले दोस्ती के जाल में फंसाया गया, फिर एक सुनियोजित साजिश के तहत मौत के घाट उतार दिया गया.

Advertisement

हत्या के इस केस में नया मोड़ तब आया जब एक नाबालिग आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया. पूछताछ में जो राज़ सामने आए, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी हैरानी में डाल दिया. नाबालिग ने न सिर्फ अपराध में अपनी भूमिका कबूली, बल्कि यह भी बताया कि वह ‘मशहूर’ होना चाहता था, जिसके लिए उसने इस क्रूर साजिश में हिस्सा लिया.

दोस्ती के पीछे छिपा खतरनाक इरादा

पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अंशुमान और नाबालिग आरोपी के बीच पहले आपसी विवाद हुआ था, जिसमें अंशुमान ने उसकी पिटाई कर दी थी। इसी बात को लेकर वह आरोपी बदला लेने की फिराक में था। लेकिन उसने सीधे टकराव के बजाय चालाकी से काम लिया. उसने पहले अंशुमान से दोस्ती कर ली, उसे भरोसे में लिया और फिर एक दिन उसे मरहमपुर के पास एक सुनसान जगह पर बुलाया.

जहां पहले से मौजूद विशेष प्रताप सिंह और उसके अन्य साथियों ने मिलकर अंशुमान पर गोलियों की बौछार कर दी। मौके पर ही अंशुमान ने दम तोड़ दिया। यह पूरी घटना पहले से ही योजनाबद्ध थी, जिसमें न सिर्फ गोली चलाने वाले शामिल थे, बल्कि हत्या की योजना बनाने से लेकर फरार होने की स्कीम तक सब कुछ पहले से तय था.

विशेष प्रताप सिंह: रंजिश और रंज का मास्टरमाइंड

इस केस का सबसे बड़ा किरदार है विशेष प्रताप सिंह, जो पहले से ही अंशुमान से किसी बात को लेकर रंजिश रखता था। पुलिस के अनुसार, विशेष ही इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है। नाबालिग आरोपी ने पुलिस को बताया कि विशेष ने ही उसे इस हत्या के लिए उकसाया और साथियों को इकट्ठा किया। विशेष फिलहाल फरार है, लेकिन पुलिस की टीमें उसके पीछे लगातार दबिश दे रही हैं.

‘मशहूर’ होने का पागलपन या मानसिक विकृति?

पकड़े गए नाबालिग ने पूछताछ में कहा कि वह किसी भी कीमत पर ‘मशहूर’ होना चाहता था। पुलिस के अनुसार, यह बयान न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि आज के युवाओं की मनोवृति पर भी सवाल खड़े करता है। सोशल मीडिया के दौर में ‘वायरल’ होने की चाहत कहीं न कहीं युवाओं को अपराध की ओर धकेल रही है। यह केस भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा है.

हत्या के बाद की भागदौड़ और पुलिस की सक्रियता

हत्या के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की, तो सबसे पहले घटनास्थल से एक खाली कारतूस बरामद हुआ। फिर इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई, जिसमें कुछ संदिग्धों की गतिविधियां दर्ज थीं। इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और आखिरकार एक नाबालिग को गिरफ्तार करने में सफलता पाई.

 

थानाध्यक्ष के अनुसार, “हमारी टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। मुख्य आरोपी विशेष प्रताप सिंह और उसके अन्य साथी भी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे। हम इस केस को तेजी से निपटाना चाहते हैं ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके.”

स्थानीय लोग हैरान, समाज में डर का माहौल

घटना के बाद मरहमपुर और आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है. स्थानीय निवासी इस बात से हैरान हैं कि दोस्ती के नाम पर कोई इतना क्रूर हो सकता है। लोगों का कहना है कि अंशुमान मिलनसार युवक था और किसी के साथ दुश्मनी की बात तो कभी सोची भी नहीं थी.

ग्राम प्रधान महेश तिवारी ने कहा, “ऐसी घटनाएं गांव के शांत माहौल को बिगाड़ती हैं। हमें अब अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी और उनके व्यवहार को गंभीरता से समझना होगा.”

मनोवैज्ञानिकों की राय: ‘सोशल मीडिया की झूठी दुनिया’

जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आर. मिश्रा का कहना है, “युवाओं में मशहूर होने की जो प्यास है, वह अगर सही दिशा में ना जाए तो अपराध की ओर ले जाती है। आज के बच्चे रील्स, वायरल वीडियोज और लाइक्स के पीछे भाग रहे हैं। यह घटना इसी मानसिकता का भयानक उदाहरण है।”

उन्होंने यह भी कहा कि नाबालिगों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से संवाद बनाए रखें और उनके डिजिटल जीवन पर नजर रखें.

पुलिस को मिले अहम सुराग, जल्द होगा बड़ा खुलासा

पुलिस अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस केस में और भी कई परतें खुल सकती हैं। संभव है कि हत्या की साजिश में और भी लोग शामिल हों या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क हो। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू कर दिया है.

न्याय की आस में अंशुमान का परिवार

अंशुमान के परिवार के लिए यह एक गहरा सदमा है। उसके पिता रामेश्वर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें आज भी यकीन नहीं हो रहा कि हमारा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। वह बहुत ही सीधा-सादा लड़का था। हमें बस यही उम्मीद है कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.”

एक दोस्ती, एक साजिश और एक मौत – सवालों के घेरे में समाज

अंशुमान की हत्या ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या हम अपने बच्चों को सही दिशा दे पा रहे हैं? क्या सोशल मीडिया का दबाव अब अपराध की प्रेरणा बन रहा है? क्या दोस्ती का मतलब अब बदल चुका है?

पुलिस जांच जारी है, आरोपी फरार हैं लेकिन कानून का शिकंजा अब कसता नजर आ रहा है। यह केस सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि समाज की सोच, परवरिश और युवा मानसिकता पर भी एक बड़ी चोट है.

Advertisements