प्लेन हाईजैक हो चुका है… पायलट ने भेजा अलर्ट और सुरक्षा एजेंसियों से घिर गया एयरपोर्ट, सच तो कुछ और ही था

सोमवार रात एयर इंडिया की फ्लाइट AI-2957 से हाइजैक का अलर्ट मिलने से दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया. दिल्ली से मुंबई जा रही इस फ्लाइट में 126 यात्री सवार थे. जैसे ही पायलट ने दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को हाइजैकिंग का अलर्ट भेजा. इसके बाद तुरंत ही सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं, दिल्ली से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह अलर्ट भेजा गया था, जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारियां शुरू कर दी गईं.

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दिल्ली एयरपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, जैसे ही हाइजैक का अलर्ट मिला, ATC ने तुरंत अपने प्रोटोकॉल के तहत मुंबई एयरपोर्ट और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया. इसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर CISF, NSG, भारतीय वायुसेना और मुंबई पुलिस को तैनात कर दिया गया. हवाई यातायात नियंत्रण के अधिकारियों के होश उड़ गए थे और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तत्काल एक कमेटी बनाई, जिसमें गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी भी शामिल थे.

मुंबई एयरपोर्ट पर हुई इमरजेंसी लैंडिंग

मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के बाद पायलट ने स्पष्ट किया कि अलर्ट गलती से भेजा गया था. पायलट ने कहा कि यह एक तकनीकी गड़बड़ी थी और फ्लाइट का हाइजैक से कोई संबंध नहीं था. वहीं ये भी हालांकि, इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया और एयर इंडिया, CISF, और BCAS के साथ मिलकर एक जांच कमेटी का गठन किया. जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह सिग्नल तकनीकी खराबी के कारण था या पायलट ने इसे जानबूझकर भेजा.

DGCA ने दिए जांच के आदेश

इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन विभाग ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर भी विचार किया. इसके साथ ही DGCA ने कहा कि इस मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी कर रिपोर्ट पेश की जाएगी. इस घटना से एयरलाइन के सुरक्षा उपायों और हाइजैक अलर्ट के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन यह भी साफ है कि पायलट की गलती ने एक बड़ा संकट टाल दिया. अब इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की गलतियां न हो सकें.

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