छत्तीसगढ़ के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों की बदहाली: छात्रों को पुरानी मशीनों और संसाधनों की कमी का करना पड़ रहा सामना

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों की हालत बेहद खराब है, जहां छात्रों को आधुनिक संसाधनों का अभाव है. कई पॉलिटेक्निक कॉलेजों में छात्र 35 से 40 साल पुरानी मशीनों के माध्यम से प्रैक्टिकल कर रहे हैं. इसके अलावा, कंप्यूटर स्टूडेंट्स को भी लेटेस्ट कंप्यूटर्स की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी ट्रेनिंग पूरी तरह से प्रभावित हो रही है.

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अंबिकापुर पॉलिटेक्निक कॉलेज की हालत

अंबिकापुर स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में 400 से अधिक छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल किताबी ज्ञान ही मिल पा रहा है. पुराने और आउटडेटेड मशीनों से ट्रेनिंग दी जा रही है, जबकि कंप्यूटर की सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं हैं. परिणामस्वरूप, यहां से पास होने वाले छात्र सर्टिफिकेट के साथ तो निकलते हैं, लेकिन नौकरी पाने में असमर्थ रहते हैं, जिससे पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिले की संख्या लगातार घट रही है.

भवन निर्माण और संसाधनों की कमी

छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में अंबिकापुर का पॉलिटेक्निक कॉलेज पहले था, लेकिन अब अन्य जिलों में भी पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले गए हैं. दुर्भाग्य से, एक दशक से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद इन कॉलेजों के भवन नहीं बन पाए हैं. जशपुर, बगीचा, सूरजपुर, बलरामपुर, मनेद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज अस्थाई भवनों में संचालित हो रहे हैं. कई जिलों में 2010 से ही भवन निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन बजट की कमी के कारण काम पूरा नहीं हो सका, जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

 

सरकारी और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों का आंकड़ा

  • छत्तीसगढ़ में 35 सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज और 9 निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं.
  • अंबिकापुर पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना 1983 में हुई थी और यहां 800 छात्रों की क्षमता है, जबकि फिलहाल 414 छात्र ही दाखिला ले पाए हैं.
  • कॉलेज में 139 लेक्चरर और कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन 80 ही पोस्टेड हैं.
  • कॉलेज में 6 ब्रांच हैं, जिनमें से दो ब्रांच में छात्रों का दाखिला नहीं हुआ है.

 

सुधार की आवश्यकता

पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. सरकार को कॉलेजों की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए. अधिकारियों का कहना है कि पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने के बाद उन्हें आवश्यक संसाधन और कर्मचारियों की भर्ती सुनिश्चित नहीं की गई है. यह स्थिति आने वाले समय में छात्रों के लिए और भी अधिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती है.

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