MP में सड़कों की दुर्दशा : गड्ढों से भरी सड़क, लेकिन टोल वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ रहा एमपीआरडीसी

सिंगरौली :  जिले के परसौना से लेकर अमिलिया घाटी -गजरा बहरा मार्ग में आए दिन सड़क हादसे हो रहे है. इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन जहां अभी तक असफल रहा. वही एमपीआरडीसी के अधिकारियों की भी अभी तक नीद नही टूटी हैं.

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आलम यह है कि रजमिलान से लेकर गजरा बहरा तक की सड़क को चौड़ीकरण एवं गड्डो को भरने की बात दूर पटरियों पर मिट्टी फिलिंग करना भी उचित नही समझा. लिहाजा वाहनों को साईड देने में भी चालको को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि अमिलिया घाटी समेत गजरा बहरा व परसौना खुटार के बीच आए दिन सड़क हादसे होते रहते है.

पिछले करीब एक दशक के दौरान उक्त मार्ग में सैकड़ों लोगों की जाने केवल सड़क हादसे में जा चुकी हैं और इस बात को जिला प्रशासन भी मानता है. इतना ही नही सड़क हादसे खास तौर पर कोल वाहनो से ज्यादा मौते हुई है और इस से कई ज्यादा लोग घायल हो चुके और कई लोग विकलांग हो चुके है.

परसौना से लेकर सरई तक सड़क को फोर लेन बनाने व चौड़ीकरण करायें जाने की मांग कई वर्षो से की जा रही है. लेकिन एमपीआरडीसी से लेकर जिला प्रशासन व प्रदेश सत्ताधारी दल के जन प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से दिलचस्पी नही दिखाई है. जिसका परिणाम सामने है कि सड़क सूरत बदलने की बात दूर सड़क के किनारे की झाड़ियों तक को नही काटा गया है और ना ही सड़क से पेंट से मार्कर भी नही लगाया गया है.

जबकि यह सब जवावदेही एमपीआरडीसी की है. परंतु आरोप लगाया जा रहा है कि एमपीआरडीसी के अधिकारी जमगड़ी में केवल टोल लगाकर भारी वाहनों से टोल टैक्स वसूल रहे है  सड़को के रखरखाव के नाम पर केवल कागजी कार्रवाही की जा रही है. आरोप यह भी लग रहा है कि टोल टैक्स वसूलने वाला एमपीआरडीसी का अमला कही न कही अमला गड़बड़झाला कर रहा है.

जबकि सड़क हालत दिनों दिन और खस्ता होती जा रही हैं. कई जगह सड़क गड्डों में तब्दील होती जा रही है। फिर भी एमपीआरडीसी अमले को खाईनुमा गड्डे नही दिखाई दे रहे हैं.

सड़कों का नही किया चौड़ीकरण

छोटी-छोटी बातो को लेकर कभी बड़ी बाते होने लगती है. यदि एमपीआरडीसी के साथ -साथ जिला प्रशासन इन छोटी-छोटी बारिकियों का अध्ययन कर ले तो शायद परसौना से अमिलिया होते हुए सरई-बरका मार्ग में सड़क हादसो में कमी आ सकती है.

आलम यह है कि बारिश के चलते खुटार से लेकर अमिलिया घाटी वा जमगड़ी तक के सड़क के पटरियों की मिट्टी बह गई है. कई जगह सड़क के किनारे गड्डे भी हो गए है और कई जगह सड़क के किनारे झाड़ियों का अम्बार लगा हुआ है. जहां वाहनो को साईड देने में चालकों को कई बार सोचना पड़ता है और इसके चलते कई बार हादसे भी हो जाते है.

प्रबुद्धजनो का मानना है कि जिला प्रशासन एमपीआरडीसी को कड़े निर्देश जारी करें कि सड़क के किनारे झाड़ियो की साफ -सफाई कराए और पटरियों को मिट्टी मुरूम से फिलिग करायें ताकि वाहन चालको को साईड लेने देने में आसानी हो जाए.

एमपीआरडीसी नही कर रहा सड़क का रखरखाव

परसौना से लेकर सरई महुआगॉव, बरका तक में चलने वाले कमर्शियल वाहनो से एमपीआरडीसी जमगड़ी में नाका लगाकर टोल वसूल कर रहा है. लेकिन एमपीआरडीसी सड़को का रखरखाव करने मे कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है. आलम यह है कि सुहिरा-गड़ाखाड़ से लेकर अमिलिया घाटी गजरा बहरा तक की सड़क की स्थिति क्या है?

यह बात किसी से छुपी नही है. गजरा बहरा कस्बा के बैस ट्रेडर्स के सामने सड़क ताल-तलैया में तब्दील हो चुकी है. जिसके चलते कार वाहनो को इस गढ्ढे से निकलने में मुश्किल हो जाता है. इतना नही गड़ाखाड़ सुहिरा सड़क जर्जर हो चुकी है और दो चका वाहन चालने में गिरने का डर सताता रहता है.

आरोप है कि एमपीआरडीसी रोजाना सैकड़ो कमर्शियल वाहनो से टोल वसूलने मे कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है. लेकिन सड़को की मरम्मत व रख रखाव करने मे कोई रूचि नही दिखा रहा है. जिसके चलते सड़क हादसे हो रहे और इसके गुनहगार एमपीआरडीसी का अमला कम नही माना जा रहा है.

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