सीवान जिले के असाव थाना में तैनात दारोगा मिथिलेश मांझी को पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने मंगलवार को घूस लेते हुए पकड़ा है. वो एक ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन और 20 हजार कैश रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए. इस घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
केस से नाम हटाने के नाम पर ले रहे थे घूस
दरअसल असाव थाना के सहसराओं गांव में कुछ दिनों पहले गांव के ही चंदन कुमार यादव और उनके पटीदार से मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें चंदन कुमार के परिवार के कुछ लोगों का नाम आया था. इसी केस में से 6 नाम को हटाने के लिए असाव थाना के एएसआई मिथिलेश मांझी ने एक इलेक्ट्रॉनिक वॉशिंग मशीन जिसकी कीमत 19000 है और 20000 कैश की मांग की थी.
मंगलवार को अस्पताल रोड में यह सामान और पैसा लेने के लिए वो आए थे. आवेदक ने पहले से निगरानी विभाग को सूचना दे दी थी. इस के बाद निगरानी की टीम ने सीवान पहुंच कर दारोगा मिथिलेश मांझी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. पटना से सीवान पहुंची निगरानी विभाग के टीम में डीएसपी राजन प्रसाद के नेतृत्व में दारोगा को गिरफ्तार कर सीवान के सर्किट हाउस में रखा गया है.
एक कमरे में बंद करके उनसे पूछताछ की जा रही है. इस पूरे मामले पर आवेदक चंदन कुमार यादव का कहना था कि मेरे घर के कुछ निर्दोष लोगों का नाम इस केस में डाल दिया गया था. पटीदार वाले हमें परेशान करते थे और उसी में से 6 नाम को निकालने के लिए वॉशिंग मशीन और 20000 कैश मिथिलेश मांझी हमसे ले रहे थे, जिनकी गिरफ्तारी हुई है.
क्या बोले सीवान एसपी
इस पूरे मामले पर सीवान के एसपी अमितेश कुमार का कहना है कि निगरानी विभाग की टीम ने असाव थाने के मिथिलेश मांझी को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.