कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में बुधवार को हुई भगदड़ मामले में नया अपडेट सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु पुलिस ने समारोह के लिए रविवार का दिन सुझाया था क्योंकि उस दिन कोई कार्य दिवस नहीं होता है और ट्रैफिक की समस्या भी देखने को कम ही मिलती है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेडिंग की योजना बनाने के लिए भी ज्यादा वक्त मिलता है.
पुलिस द्वारा रविवार को समारोह के दिन सुझाए जाने के बाद भी सरकार आईपीएल फाइनल मैच के अगले दिन यानी बुधवार को समारोह आयोजित करने पर अड़ी रही.
बेंगलुरु में बुधवार शाम को उस वक्त एक बड़ा हादसा हो गया, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत के जश्न में शामिल होने के लिए सड़कों पर बेहिसाब भीड़ जुट गई. शहर के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर करीब 3 लाख लोग जमा हो गए. स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ में दस से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें किसी भी शख्स को आरोपी नहीं बनाया गया है.
गृह मंत्री ने क्या कहा?
इस पूरे मामले में जब कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वरा से पूछा गया कि RCB के सेलिब्रेशन को लेकर इतनी जल्दी क्या थी. तो उन्होंने कहा- यह (विक्ट्री परेड और स्टेडियम में जश्न) हमारी तरफ से नहीं था. गृह मंत्री ने कहा, “हमने RCB या KSCA (कर्नाटक क्रिकेट राज्य संघ) से जश्न मनाने को लेकर कोई अनुरोध नहीं किया था. यह कार्यक्रम उन्होंने ही आयोजित किया. हमें लगा कि सरकार को टीम का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यह बेंगलुरु की टीम थी, इसलिए हमने सोचा कि हमें भी इस जश्न का हिस्सा बनना चाहिए. बस इतना ही. हमने यह नहीं कहा था कि हम यह आयोजन करेंगे.
कैसे हुआ हादसा?
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक इंडियन प्रीमियर लीग खिताब जीत के बाद पूरे बेंगलुरु शहर में बुधवार, 4 जून को जश्न का माहौल था, जिसका अंत दुख के साथ हुआ. एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. आरसीबी ने आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को हराकर 18 साल के इंतज़ार को खत्म करने के एक दिन बाद बुधवार को बेंगलुरु में प्रशंसकों के साथ जश्न मनाने का ऐलान किया था.
स्थानीय अधिकारियों ने विधान सौधा से बेंगलुरु स्टेडियम तक चलने वाली ओपन-टॉप बस परेड की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जो कि सिर्फ़ एक किलोमीटर की दूरी है. हालांकि, 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद ट्रॉफी लेकर घर लौट रही आरसीबी टीम की एक झलक पाने के लिए दो लाख से ज़्यादा प्रशंसक इलाके में उमड़ पड़े. आरसीबी ने प्रशंसकों के साथ शाम के वक्त जश्न मनाने का ऐलान किया था.
स्टेडियम में एंट्री सिर्फ पास के ज़रिए ही करने की अनुमति थी, बिना प्रवेश के प्रशंसक परिसर के चारों तरफ भारी तादाद में इकट्ठा हुए. सरकार के साथ साझा की गई प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, स्टेडियम परिसर के पास नाले पर रखा गया एक अस्थायी स्लैब उस पर खड़े लोगों की वजह से ढह गया. कथित तौर पर इस ढहने से अफरातफरी का माहौल बना और भगदड़ मच गई.