मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक महिला के साथ अश्लील हरकत करते हुए वायरल हुए वीडियो ने बीजेपी नेता मनोहर लाल धाकड़ को सुर्खियों में ला दिया. इस मामले में भानपुरा पुलिस ने मनोहर धाकड़ को गिरफ्तार कर गरोठ जेल भेज दिया था, लेकिन सोमवार को उसे कोर्ट से जमानत मिल गई. जमानत के बाद मनोहर धाकड़ कथित तौर पर गायब है और उसका कोई अता-पता नहीं है. इस बीच, उनके वकील संजय सोनी ने मीडिया से बातचीत में वायरल वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाए हैं.
वकील संजय सोनी ने कहा कि मनोहर धाकड़ के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक अश्लीलता), 285 (जान-माल को खतरे में डालना) और 3(5) (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
उन्होंने दावा किया कि यह मामला केवल वायरल वीडियो के आधार पर दर्ज किया गया, जबकि वीडियो की फॉरेनसिक जांच नहीं की गई और न ही इसकी प्रामाणिकता साबित हुई है. सोनी ने कहा, “AI के जमाने में वीडियो के साथ काट-छांट और एडिटिंग करना कोई बड़ी बात नहीं है. वीडियो की गहन जांच होनी चाहिए.
दरअसल, 13 मई की रात दिल्ली-मुंबई 8-लेन एक्सप्रेसवे पर हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ यह वीडियो 21 मई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में मनोहर धाकड़ और एक अज्ञात महिला आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दिए, जिसके बाद देशभर में हंगामा मच गया. परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, वीडियो में दिख रही सफेद रंग की कार (MP 14 CC 4782) मनोहर धाकड़ के नाम पर रजिस्टर्ड है.
इस मामले में पुलिस ने मनोहर धाकड़ को 25 मई को हिरासत में लिया था और भानपुरा थाने में पूछताछ की थी. हालांकि, जमानत मिलने के बाद धाकड़ सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है. इस घटना ने न केवल सामाजिक स्तर पर बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी खलबली मचा दी. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा, जबकि बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने सफाई दी कि मनोहर धाकड़ पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं है. उनकी पत्नी सोहन बाई बनी गांव से जिला पंचायत सदस्य है.
वहीं, धाकड़ महासभा युवा संघ ने मनोहर धाकड़ को राष्ट्रीय मंत्री पद से हटा दिया है. इस मामले में ब्लैकमेलिंग का एंगल भी सामने आया है.
मंदसौर पुलिस सूत्रों के अनुसार, NHAI के कुछ कर्मचारियों ने वीडियो लीक करने की धमकी देकर धाकड़ से 1 लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें से 20000 रुपए का भुगतान किया गया था. लेकिन मनोहर लाल धाकड़ एनएचआई के सर्वर से वीडियो डिलीट करवाने की बात पर अड़ा हुआ था. लेकिन कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों के लिए यह संभव नहीं था. संभावना जताई जा रही है कि ब्लैकमेल पर उतारू कर्मचारियों को जब धाकड़ से बाकी के 80 हजार रुपए तय समय पर नहीं मिले तो 7 मिनट का वीडियो तीन टुकड़ों में किया वायरल कर दिया गया. NHAI ने इस मामले में तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.