MP में देश का सबसे गरीब आदमी! शख्स की सालाना आय 0 रुपये, तहसीलदार ने जारी किया सर्टिफिकेट

सतना जिले के मझगवां के बाद अब जिले के उचेहरा से भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति के सालभर की आय जीरो रुपए है यानि वह आदमी बिना कमाए ही अपना गुजर बसर कर रहा है। लिहाजा लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले प्रशासनिक लापरवाही और फर्जी दस्तावेजों के खेल की ओर इशारा करते हैं।

Advertisement

परिवार की सालाना आय शून्य रुपये

ताजा मामला उचेहरा तहसील के अमदरी गांव का है, जहां संदीप कुमार नामदेव पुत्र रामबहोर नामदेव को जारी किए गए आय प्रमाणपत्र में परिवार की कुल वार्षिक आय “शून्य रुपये” दर्ज की गई है। यह प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर कोई परिवार बिना किसी आय के अपना गुजारा कैसे कर रहा है?

इससे पहले एक की बताई थी 3 रुपये आय

इससे पहले कोठी तहसील से एक मामला सामने आया था, जहां किसान रामस्वरूप को जारी प्रमाणपत्र में उनकी सालाना आय मात्र 3 रुपये बताई गई थी। इस पर हो रही किरकिरी के बाद तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने नया प्रमाणपत्र जारी कर उनकी आय 30,000 रुपये सालाना (83 रुपये प्रतिदिन) दर्शा दी। लेकिन यह भी मध्यप्रदेश की औसत कृषि मजदूरी (229.2 रुपये/दिन) और मनरेगा मजदूरी दर (243 रुपये/दिन) से काफी कम है, जिससे दस्तावेज की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं भी गंभीर सवाल

इन मामलों से यह स्पष्ट है कि आय प्रमाणपत्रों का सत्यापन किए बिना ही उन्हें जारी किया जा रहा है। इससे न केवल पात्रता आधारित योजनाओं में फर्जीवाड़ा बढ़ रहा है, बल्कि शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार सामने आ रहे ये उदाहरण प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की सख्त ज़रूरत की ओर इशारा कर रहे हैं।

Advertisements