उज्जैन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को इंदौर से महाकाल नगरी उज्जैन पहुंची. इस दौरान राष्ट्रपति ने पहले इंदौर-उज्जैन 6 लेन का भूमि पूजन किया. इसके बाद सफाई मित्रों का सम्मन किया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू महाकाल मंदिर पहुंचीं और बाबा का अभिषेक किया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि महाकाल नगरी उज्जयिनी में सदियों से संस्कृति और सभ्यता की परंपरा निरंतर अस्तित्व में बनी हुई है.
राष्ट्रपति ने किया 6 लेन का भूमिपूजन
राष्ट्रपति उज्जैन में सीधे रुद्राक्ष होटल पहुंची. यहां होटल में आयोजित स्वच्छता मित्र सम्मान समारोह में शामिल हुईं. कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने 1692 करोड़ की लागत से बन रहे इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन सड़क निर्माण का भूमि पूजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उज्जैन की इस धरती को मैं नमन करती हूं. यहां की संस्कृति और सभ्यता की परंपरा सदियों से अस्तित्व में बनी हुई है. आज से लगभग 2600 वर्ष पहले भगवान बुद्ध के समय में उज्जयिनी, अवन्ति राज्य की राजधानी हुआ करती थी. गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण-युग माना जाता है. उस समय, उज्जैन भारत का सबसे महत्वपूर्ण नगर था.
वहीं स्वच्छता को लेकर द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर की तारीफ की. उन्होंने कहा कि इंदौर लगातार 7वीं बार स्वच्छ शहर बना है, यह गौरव की बात है. उज्जैन भी नए मानदंड गढ़ रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता-अभियान देशव्यापी जन-आंदोलन बन गया है. इसके कारण व्यापक स्तर पर बदलाव हुए हैं. स्वच्छ भारत मिशन द्वारा, हमारे देशवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है और अभूतपूर्व व्यवहार परिवर्तन हुआ है. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का सबसे अधिक श्रेय हमारे सफाई-मित्रों को जाता है.
सफाई मित्रों का किया सम्मान
हमारे सफाई-मित्र, अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता-योद्धा हैं. वे हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं – बीमारी, गंदगी, स्वास्थ्य से जुड़े खतरों से. वे हमारे राष्ट्र-निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. सफाई-मित्रों का सम्मान करके वास्तव में हम अपना ही गौरव बढ़ाते हैं. इस दौरान राष्ट्रपति ने अपील की कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के दौरान, जो वर्ष 2025 तक चलेगा, हमें सम्पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य पूरा करना है. ‘खुले में शौच से मुक्त’ रहने की स्थिति को बनाए रखते हुए Solid और liquid waste Management में राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करना है. बता दें कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने 5 सफाई मित्रों का सम्मान भी किया.
राष्ट्रपति ने किया बाबा महाकाल का अभिषेक
इस कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति सीधे महाकाल मंदिर पहुंची. महाकाल लोक के नंदी द्वार पर उनका स्वागत स्वस्ति वाचन व शंखनाद से किया गया. फिर ई- कार्ट से श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए प्रस्थान किया. इसके बाद गर्भ गृह पहुंचकर बाबा महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की. महाकाल मंदिर के नंदी हॉल में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा राष्ट्रपति का शॉल, श्रीफल, मोमेंटो व प्रसाद देकर स्वागत किया गया. दर्शन बाद मंदिर परिसर में ‘स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा’ के अंतर्गत राष्ट्रपति ने श्रमदान किया.