चार धाम के तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर आने वाली यात्रा सीजन को लेकर चर्चा की. तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री को चार धाम यात्रा के लिए कपाट खोलने और यात्रा शुरू करवाने का आमंत्रण दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि इस धार्मिक यात्रा को भव्य तरीके से आरंभ करने की अनुमति दें, ताकि श्रद्धालु ठीक तरह से दर्शन कर सकें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थ पुरोहितों की मांगों पर आश्वासन दिया कि उनके आमंत्रण पर खुले मन से विचार किया जाएगा.
तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री से चर्चा के दौरान यह भी बताया कि ऑल वेदर रोड के खुलने से चार धाम यात्रा में भक्तों की संख्या में काफी बढ़त हुई है. उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क के चलते श्रद्धालु बड़ी संख्या में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा कर रहे हैं. इससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है और धार्मिक आस्था को भी नई पावर मिली है. पुरोहितों ने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार धार्मिक स्थलों के विकास को प्राथमिकता दे रही है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं मिल रही हैं.
धार्मिक स्थलों का स्वर्णिम युग
तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि जिस तरह से धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है, उससे ऐसा लग रहा है जैसे कि भारत में पौराणिक मान्यताओं का स्वर्णिम युग लौट आया है. उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और सरकार द्वारा की जा रही कई पहलें इस यात्रा को और भी सुगम बना रही हैं. तीर्थ पुरोहितों ने पीएम से अनुरोध किया कि चार धाम यात्रा को और भव्य बनाने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाए ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
अमित शाह से की ये अपील
तीर्थ पुरोहितों ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि जिस तरह से चार धाम यात्रा का विस्तार हुआ है, उसी अनुरूप वहां सुविधाओं का भी विकास किया जाए. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना आवश्यक है. अमित शाह ने तीर्थ पुरोहितों को भरोसा दिलाया कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करेगी और चार धाम यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.