केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अपने राजस्थान दौरे पर पहुंचे. गृह मंत्री राज्य के जोधपुर स्थित पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय, रामराज नगर में आयोजित भवन शिलान्यास समारोह में शामिल हुए. इस दौरान गृह मंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में दिव्यांगों के लिए पहला महाविद्यालय बना है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ने कि जब समाज में दिव्यांगों को दया की जगह दिव्यता का प्रतीक मानने की शुरुआत होती है तब उनके लिए काम होता है.मैं आपको बताना चाहता हूं 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांग की वजह दिव्यांग शब्द का उपयोग करना शुरू किया था. ये दोनों शब्द ही एक दूसरे के पूरक हैं. पीएम मोदी की इस पहल से केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों का दिव्यांगों को देखने का नजरिया बदल गया है.
गृह मंत्री अमित शाह में आगे कहा कि मैं आज भी उनकी वो बात नहीं भूला हूं. उन्होंने कहा था कि ईश्वर किसी को भी कुछ चीज नहीं देता है, लेकिन उसे जीवनयापन करने के लिए कुछ विशेष चीज देता है. वह शक्ति दिव्य होती है. उन्होंने कहा कि दिव्य चीज को ढूंढना और इसके बाद उन्हें जीवनयापन के साथ राष्ट्र से जोड़ने की जिम्मेदारी समाज की है.पीएम मोदी ने दिव्यांगों को बनाया आत्मनिर्भर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के कहे एक शब्द ने दिव्यांगों की जिंदगी बदल दी है. प्रधानमंत्री ने देश के सभी दिव्यांगों में आत्मसम्मान और पहचान की एक नई भावना जगाई है. साथ ही उनके आत्मनिर्भर बनने के सपने को भी ज
गाया है.