छत्तीसगढ़ के चर्चित रायकोना ठगी कांड में न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय दिया है। कोर्ट ने फैसला देते हुए महाठग शिवा साहू की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क कर नीलामी की अनुमति दे दी है। इस आदेश से उन सैकड़ों निवेशकों को राहत मिलेगी, जिन्होंने ‘8 महीने में रकम दोगुनी’ के लालच में अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा दी थी।
शिवा साहू द्वारा संचालित अवैध वित्तीय संस्था “शिवा विथ जर्नी” के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 270 निवेशकों से करीब 30 करोड़ रुपये की ठगी की गई। निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 30 प्रतिशत मासिक लाभ और 8 माह में राशि दुगनी होने का झांसा दिया गया था। इसके चलते लोगों ने अपने सपनों की पूंजी गंवा दी।
शिकायतों के आधार पर थाना सरसींवा में दर्ज अपराध क्रमांक 131/2024 के तहत शिवा और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों की संपत्तियों को जब्त किया, जिसके बाद विशेष न्यायालय ने छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 7(2) के तहत कुर्की का आदेश पारित किया।
न्यायिक चेतावनी और भरोसा
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ऐसी ठगी करने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई कड़ा संदेश है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि न्याय भले देर से मिले, लेकिन अंधा नहीं होता। जब देश में आर्थिक अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, तब इस तरह की सख्त कानूनी प्रक्रिया न केवल निवेशकों का विश्वास लौटाती है, बल्कि न्यायिक व्यवस्था की मजबूती का भी प्रमाण है।
चल-अचल संपत्तियां होंगी नीलाम
न्यायालय ने शिवा साहू के साथ-साथ उसके पिता टीकाराम साहू, माता चंद्रकला साहू और बहन रीतू साहू के नाम पर पंजीकृत चल-अचल संपत्तियों को नीलामी के लिए चिन्हित किया है। इनमें बीएमडब्ल्यू, महिंद्रा थार, मिनी बस, बुलडोजर, ट्रैक्टर जैसी लग्जरी गाड़ियां और रायकोना, डुरुमगढ़, मनपसरा, सोहागपुर, टाटा, छिरचुआ, सरसींवा आदि क्षेत्रों की दर्जनों भूमि संपत्तियां शामिल हैं।
इन सभी संपत्तियों का न्यायिक मूल्यांकन कर निष्पक्ष और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से विक्रय किया जाएगा, जिससे प्राप्त राशि को पात्र निवेशकों में वितरित किया जा सके। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का घोर उल्लंघन है।