सुपौल में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खुली पोल, सर्पदंश पीड़िता का अस्पताल में होता रहा झाड़-फूंक

सुपौल: अनुमंडलीय अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल तब खुली जब एक सर्पदंश के शिकार मरीज का अस्पताल में झाड़-फूंक होता रहा और डाक्टर ड्यूटी से गायब रहे. छातापुर थाना क्षेत्र के नरहिया वार्ड 1 निवासी रविंद्र सरदार की 18 वर्षीय पुत्री आरती कुमारी को घर के दरवाजे के पास ही एक सांप ने पैर में डंस लिया. स्वजन उसे लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे लेकिन डा. संजीव कुमार सुमन की ड्यूटी रहने के बावजूद वे नदारद थे.

मजबूर होकर स्वजन ने रिश्ते की एक महिला तांत्रिक को बुलाकर ओटी में ही झाड़-फूंक करवाय. लगभग 10 से 15 मिनट तक यह प्रक्रिया चली. स्वजन धर्मेंद्र सरदार ने बताया कि सांप डंसने के बाद आरती को अस्पताल लेकर आए, लेकिन यहां डाक्टर ही नहीं हैं तांत्रिक को बुलाकर ओटी में झाड़-फूंक कराए हैं. मौके पर महिला तांत्रिक ने बताया कि हम तांत्रिक हैं बुलाने पर आए है. डाक्टर अभी अस्पताल में नहीं हैं. सर्पदंश पीड़िता आरती कुमारी को ओटी में झाड़-फूंक उनके द्वारा किया गया है. मौके पर मौजूद जीएनएम नीलम कुमारी ने बताया कि वे थोड़ी देर पहले ड्यूटी पर आई हैं और उन्हें नहीं पता कि किस डॉक्टर की ड्यूटी है.

अस्पताल में दीवाल पर लगे ड्यूटी चार्ट के अनुसार रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक डॉक्टर संजीव कुमार सुमन की जिम्मेदारी थी जो गायब थे और उनके ड्यूटी से नदारद रहने की स्थिति में भी उनकी जगह कोई अन्य चिकित्सक भी मौजूद नहीं था. अस्पताल में इस तरह की लापरवाही नई नहीं है. आए दिन यहां से चिकित्सा व्यवस्था में गड़बड़ी और नियमों की अनदेखी की खबरें सामने आती हैं, लेकिन जिम्मेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. मामले को लेकर जब सिविल सर्जन से मोबाइल पर संपर्क की गई तो प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ए एसपी सिन्हा ने बताया कि सिविल सर्जन के छुट्टी पर रहने के कारण हम प्रभार में हैं मामला संज्ञान में है सिविल सर्जन छुट्टी से लौटते है तो हम उन्हें बताएंगे. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.

 

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