3,200 करोड़ रुपये के Chhattisgarh Liquor Scam में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और जेल भेजने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई तेज कर दी है। जांच का दायरा बढ़ाते हुए गुरुवार को मूलत: दुर्ग निवासी होटल व शराब कारोबारी के दिल्ली स्थित निवास पर ईडी की टीम ने दबिश दी।सूत्रों के अनुसार ईडी की टीम रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र स्थित एक बड़े होटल भी पहुंची थी। इस होटल का संचालन इसी कारोबारी के परिवार के लोग कर रहे हैं। फिलहाल ईडी की जांच-पड़ताल का अधिकारिक ब्योरा नहीं मिल पाया है।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि 14 जुलाई को दुर्ग जिले के दीपक नगर स्थित होटल कारोबारी विजय अग्रवाल समेत उसके करीबियों, रिश्तेदारों के बंगले, संस्थान में छापामार कार्रवाई के बाद चैतन्य की गिरफ्तारी की गई थी। वहां से मिले दस्तावेज के आधार पर ही विजय के रिश्तेदार के दिल्ली निवास और रायपुर के होटल में जांच करने ईडी टीम गई थी।
संपत्ति बंटवारे के बाद कारोबारी दिल्ली शिफ्ट
दुर्ग के जिस होटल व शराब कारोबारी के ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी है, वह पारिवारिक विवाद के बाद भाइयों के बीच बंटवारे में मिली संपत्ति लेकर दिल्ली शिफ्ट हो गया था। कहा जा रहा है कि कई रेलवे स्टेशनों पर उसके रेस्टोरेंट हैं और बोतल बंद पानी के प्रोडेक्ट भी हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित शराब घोटाले में जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर ही हैं। इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले से जेल में बंद हैं। वहीं पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर भी गिरफ्तार हैं। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को भी मामले में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया है।
बेटे की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश- भूपेश बघेल
अपने बेटे की गिरफ्तारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बेटे चैतन्य की गिरफ्तारी इत्तेफाक नहीं, राजनीतिक साजिश है। परिवार को निशाना बनाकर कांग्रेस के नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। बेटे को जन्मतिथि पर गिरफ्तार किया गया। रणनीति और हिम्मत के साथ लड़ेंगे।