राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सुरक्षा गार्ड अक्सर ग्रीन यूनिफॉर्म में नजर आते हैं, लेकिन हाल ही में नेशनल अवार्ड सेरेमनी में उन्होंने सफेद वर्दी पहनकर सभी को चौंका दिया। इसका कारण सिर्फ औपचारिकता और आयोजनों की गरिमा से जुड़ा है।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि गार्ड की वर्दी का रंग हमेशा मौके और समारोह की प्रकृति के अनुसार बदलता रहता है। ग्रीन यूनिफॉर्म आमतौर पर रोजमर्रा की सुरक्षा ड्यूटी के लिए होती है, जो शारीरिक फिटनेस और कार्य की सुविधा के अनुसार डिजाइन की गई है। वहीं, विशेष अवसरों और उच्चस्तरीय समारोहों में, जैसे कि राष्ट्रपति के साथ कोई औपचारिक कार्यक्रम या सम्मान समारोह, गार्ड सफेद वर्दी पहनते हैं। यह वर्दी उनके पेशेवर अनुशासन और कार्यक्रम की भव्यता को दर्शाती है।
सफेद वर्दी पहनने का एक अन्य कारण यह भी है कि यह रंग साफ-सुथरे और सम्मानजनक प्रतीत होते हैं। इससे समारोह में उपस्थित लोगों के लिए एक आकर्षक दृश्य तैयार होता है और सुरक्षा के बीच एक शांति का भाव भी प्रदर्शित होता है। अधिकारियों का कहना है कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है और राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में इसे अपनाया जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा गार्ड की वर्दी केवल दिखावा नहीं है, बल्कि यह उनके अनुशासन, प्रशिक्षण और भूमिका को भी दर्शाती है। गार्ड्स को हर प्रकार के कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और वे कभी भी किसी भी स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने के लिए तैयार रहते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ सुरक्षा गार्ड का यह बदलाव समारोह की गरिमा और दर्शकों पर प्रभाव डालने का एक तरीका भी माना जा सकता है। सफेद वर्दी पहनकर गार्ड्स ने औपचारिकता और अनुशासन का संदेश दिया।
कुल मिलाकर, राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड की वर्दी का रंग अवसर और परिस्थिति के अनुसार बदलता है। रोजमर्रा की सुरक्षा गार्ड ग्रीन वर्दी पहनते हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर के भव्य आयोजनों में सफेद वर्दी पहनना परंपरा और औपचारिकता का प्रतीक है। इससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि कार्यक्रम की भव्यता और अनुशासन भी उजागर होता है।