भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार से जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के रत्न भंडार (Ratna bhandar) का दूसरा सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. यह सर्वे तीन दिनों तक चलेगा. इस दौरान यह पता लगाया जाएगा कि रत्न भंडार के भीतर कोई गुप्त तहखाना या सुरंग (secret tunnel) तो नहीं है. सर्वेक्षण के लिए अत्याधुनिक रडार और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
एजेंसी के अनुसार, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने इस सर्वे के दौरान श्रद्धालुओं को दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक मंदिर में प्रवेश और देवताओं के दर्शन से रोक दिया है. एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है.
रत्न भंडार इन्वेंट्री समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ इस सर्वेक्षण का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि 21 से 23 सितंबर तक एएसआई सर्वे करेगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि क्या रत्न भंडार में कोई गुप्त सुरंग या कक्ष मौजूद है.
18 सितंबर को पहले चरण में एएसआई की 17-सदस्यीय टीम ने रत्न भंडार का प्रारंभिक निरीक्षण और लेजर स्कैनिंग की थी. इस टीम में वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जिनमें से कई वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद से जुड़े हैं.
एसजेटीए ने एएसआई से अपील की है कि किया है कि 24 सितंबर से शुरू हो रहे दुर्गा पूजा और दशहरा के विशेष अनुष्ठानों को ध्यान में रखते हुए सर्वेक्षण 24 सितंबर तक पूरा कर लिया जाए. मंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार से सभी आभूषण और कीमती सामान को अस्थायी रूप से सुरक्षित कक्ष में स्थानांतरित कर दिया है. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत यहां सभी काम किए जा रहे हैं.