आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य के कदम और लालू यादव के परिवार को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि लालू जी की पार्टी में पहले दो बेटों में विवाद था. उन्होंने बड़े बेटे को पहले घर और फिर पार्टी से बाहर निकाल दिया. अब बेटा और बेटी में भी विवाद शुरू हो गया है. ये इनके परिवार का मामला है, इसको लेकर हमें कुछ ज्यादा नहीं कहना है. क्योंकि ये पारिवारिक मामले लालू जी ही ठीक करें. लेकिन, रोहिणी जी ने अनफॉलो किया है तो इसका मतलब है कि भाइयों और बहनों में ही जंग शुरू हो गई है, ऐसे में मुझे लगता है कि राजद में कुछ तो गड़बड़ है.
रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी को किया अनफॉलो
पिता लालू यादव की तबीयत को ठीक करने के लिए अपनी किडनी देने वाली यादव परिवार की बड़ी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से सबको अनफॉलो कर दिया है. अब वो सोशल मीडिया एक्स पर सिर्फ तीन लोगों को फॉलों करती हैं, जिनमें न तो कोई लालू यादव के परिवार का सदस्य और न ही पार्टी से जुड़ा कोई कार्यकर्ता.
अब सिर्फ तीन लोगों को करती हैं फॉलो
रोहिणी आचार्य के इस कदम को उनका विरोधी तेवर माना जा रहा है. हालांकि, स्थिति साफ न होने की वजह से कई तरह की अटकलें की भी लगाई जा रही हैं. रोहिणी आचार्य पहले 61 लोगों को फॉलों करती थीं, जिनमें से उन्होंने सभी को अनफॉलो कर दिया है.
नाराजगी की क्या है वजह?
बिहार के सियासी गलियारों में रोहिणी आचार्य के इस कदम को लेकर खूब चर्च हो रही है. जिसमें नाराजगी की वजह को लेकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव की बसे के आगे वाली सीट पर संजय यादव बैठे हुए थे. राजनीति की दुनिया में किसी भी यात्रा के दौरान आमतौर पर ये सीट पार्टी के सर्वोच्च नेता के लिए आरक्षित होती है, ऐसे में संजय यादव को वहां बिठाए जाने को लेकर शायद रोहिणी आचार्य ने नाराजगी जाहिर की है.
ऐसी अटकलें इसलिए हैं क्योंकि संजय यादव की उसी अवस्था की फोटो वाले पोस्ट को रहिणी में अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. जिसमें साफ तौर पर लिखा हुआ था कि ये सीट हमेशा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए होती है. अगर कोई पार्टी से भी खुद को बड़ा मानने लगे तो ये वाकई में पार्टी के लिए गंभीर संकेत है. हालांकि उस पोस्ट को शेयर करते समय रोहिणी ने कुछ भी नहीं लिखा था.