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ग्वालियर में खुदकुशी करने वाले कथा वाचक पर पहली पत्नी ने लगाया था दुष्कर्म का केस, दूसरी पत्नी ने दी मानसिक प्रताड़ना

ग्वालियर। पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले कथा वाचक धर्मेंद्र झा ने दो बार शादी की। दोनों बार उसने लव मैरिज की. पहली पत्नी ने उस पर रेप केस लगाया तो दूसरी ने इतनी प्रताड़ना दी कि उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा. धर्मेंद्र झा दोनों ही पत्नियों से परेशान था. इस बात का उसने अपने वीडियो में भी जिक्र किया है. यानि धर्मेंद्र झा काे दोनों बार ही धोखा मिला। दोनों ही पत्नियों ने उसे प्यार के बदले धोखा दिया.

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साथ में भजन गाने वाली साथी से की थी पहली लव मैरिज

धर्मेंद्र झा भजन गाने व कथा वाचन का काम 15 साल से कर रहा था. सात साल पहले उसे अपने साथ काम करने वाली साथी सिंगर से प्यार हो गया. बाद में उसने उससे शादी कर ली. शादी करने के बाद धर्मेंद्र भजन व कथा वाचन के कार्यक्रमों में भाग लेने बाहर जाता था.

इस दौरान उसे पता चला कि उसकी पत्नी का मेल जोल अन्य लोगों से भी है. जब धर्मेंद्र ने विरोध किया तो पहली पत्नी से उसके संबंध बिगड़ते गए. बाद में पहली पत्नी ने उस पर रेप का केस लगा दिया. हालांकि कोर्ट से धर्मेंद्र बरी हो गया। करीब पांच साल पहले दोनों के बीच तलाक हो गया और वे अलग हो गए.

साथी तबलावादक की तलाक शुदा बहन से की दूसरी शादी

पहली शादी में मिले धोखे के बाद धर्मेंद्र कुछ समान्य हुआ ही था कि उसके साथ में तबला बजाने वाले एक साथी ने अपनी बहन से शादी का प्रस्ताव रखा. उसके साथी की बहन भी तलाश शुदा थी। नेहा से मिलने के बाद धर्मेंद्र को उससे प्यार हो गया.

बताया जाता है कि धर्मेंद्र को दूसरी पत्नी नेहा के गुस्से के बारे में पहले से पता था. इसके बाद भी उसने लव मैरिज कर ली। लेकिन पिछले डेढ़ साल में ही नेहा के गुस्से व उसकी प्रताड़ना से तंग आकर धर्मेंद्र झा को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. उसने अपनी व्यथा वीडियो में कही है.

वीडियो में धर्मेंद्र ने कहा उसकी मौत के लिए दोनों पत्नियां जिम्मेदार, कड़ी सजा मिले

धर्मेद्र ने अपने सुसायड नोट रूपी वीडियो में कहा कि उसकी मौत के लिए उसकी दोनों पत्नियां जिम्मेदार हैं. क्योंकि पहली ने रेप का आराेप लगाया। बेशक उसे कोर्ट ने बरी कर दिया है. लेकिन सामाजिक प्रतिष्ठा तो धूमिल हो गई. देश में कानून ने औरत को इतनी छूट दे दी है कि वो कभी भी किसी मर्द को फंसा सकती है. क्या हर बार आदमी ही दोषी होता है. अगर अंधा कानून नहीं है और थोड़ी सी आंख खुली है तो दोनों को कड़ी सजा दे.

कानून में बदलाव हो जिससे पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर पति उनके पास अपनी समस्या लेकर जाने में डरे नहीं। मेरे जाने के बाद मेरी हर एक चीज पर मेरे घरवालों का हर होगा, मेरा सभी सामान घरवालों को सौंप दिया जाए. ठाकुर जी ने जितना जीवन दिया था उतना जीकर जा रहा हूं.

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