उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सौतन ने अपने पति की पहली पत्नी को चरणामृत में जहर दे दिया. यह पूरी साजिश कथावाचक की दूसरी पत्नी ने चचेरे देवर, देवरानी और चाची सास के साथ मिलकर रची थी. PGI थाने की पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
कथावाचक रामरूप तिवारी ने कथा मंडली में साथ रहने वाली तृषा शुक्ला नामक महिला से दूसरी शादी कर ली थी. इससे गुस्साई पहली पत्नी माधुरी नाराज होकर अपने सात वर्षीय बेटे के साथ एक किराए के मकान में रहने लगी.
वहीं, पहली पत्नी और बेटे के अलग रहने के कारण कथावाचक तनाव में रहता था. साथ ही घर पर भी माहौल ठीक नहीं रहता था. जिसकी वजह से कथावाचक रामरूप तिवारी की दूसरी पत्नी तृषा ने अपनी सौतन माधुरी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. चचेरे देवर संदीप औश्र उसकी पत्नी रुचि और चाची सास गायत्री के साथ मिलकर उसने षड्यंत्र रचा.
साजिश के मुताबिक चचेरे देवर संदीप ने पहली भाभी माधुरी को कॉल कर मिलने के लिए पीजीआई स्थित कालिंदी पार्क में बुलाया. जहां पहले से संदीप की पत्नी रुचि और संदीप की मां गायत्री भी मौजूद थीं. सभी लोग पार्क में बैठकर बात कर रहे थे, तभी इतने में एक महिला आई और प्रसाद कहकर चरणामृत देने लगी.
माधुरी ने जैसे ही चरणामृत पीया, उसके कुछ ही मिनटों बाद उसकी तबीयत नासाज होने लगी और वह बेहोश होने लगी. वहीं, मंसूबे को सफल देख संदीप अपनी पत्नी और मां संग मौके से भाग गया. साथ में तृषा भी मौके से निकल गई. लेकिन गनीमत यह रही कि माधुरी को आभास हो गया कि उसको चरणामृत में जहर देकर जान से मारने की कोशिश की गई है.
माधुरी उल्टियां करने लगी ताकि जहर को शरीर से बाहर निकाला जा सके. इस दौरान अर्धबेहोशी जैसी हालत में माधुरी ने अपने सगे जेठ को भी फोन कर मामले की जानकारी दी. मौके पर पहुंचे जेठ ने माधुरी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.
बताया जा रहा है कि चरणामृत में जहरीला केमिकल मिलाया गया था ताकि माधुरी की मौत हो सके. फिलहाल कथावाचक की पहली पत्नी सही सलामत है.
वहीं, पीजीआई थाने ने जानकारी देते हुए बताया कि षड्यंत्र में मुख्य साजिशकर्ता तृषा शुक्ला समेत सभी को गिरफ्तार कर धारा 120-B और 307 के तहत गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.