शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में यदि शिक्षक ही मर्यादा तार-तार करने लगे, तो समाज किस दिशा में जा रहा है यह सोचने का विषय बन जाता है. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक सरकारी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में ऐसा ही एक घिनौना मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है. इस स्कूल के प्रधान पाठक (Head Master) मोहम्मद रऊफ पर आठ नाबालिग छात्राओं ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है.
बच्चियों ने खोला घिनौने सच का पर्दा
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब पीड़ित छात्राओं ने हिम्मत जुटाकर एसडीएम सूरजपुर के सामने अपनी आपबीती सुनाई. मासूमों की इस दर्दभरी गुहार ने प्रशासन को भी हिला दिया और तत्काल इसकी जानकारी कलेक्टर एस.जयवर्धन को दी गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया.
इस कमेटी में सूरजपुर की एसडीएम शिवानी जायसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा और बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी मनोज जायसवाल को शामिल किया गया. इन्हें जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए.
लचर कार्यशैली से भड़का आक्रोश
मासूम बच्चियों की शिकायत के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला और तूल पकड़ने लगा अभिभावकों और ग्रामीणों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली. पंचायत प्रतिनिधियों ने भी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक शिक्षक पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं, तो फिर उसे बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है?
टूटी प्रशासन की नींद
प्रशासन की सुस्ती और मामले को दबाने की कोशिशों के बीच जब मीडिया को इस पूरे घटनाक्रम की भनक लगी, तो पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया. जैसे ही खबर मीडिया में आई प्रशासन पर दबाव बढ़ने लगा. आनन-फानन में कलेक्टर ने देर रात आपात बैठक बुलाई और जांच कमेटी से रिपोर्ट तलब की.
रिपोर्ट के आधार पर आरोपी प्रधान पाठक मोहम्मद रऊफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इतना ही नहीं, जांच कमेटी ने कोतवाली थाने को पत्र लिखकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा भी कर दी.
सख्त सजा की मांग
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों और पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा.ऐसे शिक्षकों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे. ग्रामीणों का गुस्सा इस बात से भी है कि स्कूल स्टाफ ने छात्राओं की शिकायतों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?
अब पुलिस के हाथ में मामला
फिलहाल, जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन यह देखना अहम होगा कि क्या प्रशासन और पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच कर पाती है, या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा.