सिर पर पांव रखकर भागी अवैध कब्जा हटाने गई टीम, बिना कार्रवाई लौटे नगर निगम अधिकारी, जानें वजह?

खंडवा जिले में मंगलवार को अवैध कब्जाधारियों के कब्जे से जमीन छुड़ाने गई खंडवा नगर निगम टीम का दांव उल्टा पड़ गया जब उन्हें अतिक्रमणकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा. सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारी जेसीबी की मशीनों के ऊपर चढ़ गए, जिससे टीम को बिना कार्रवाई किए ही बैंरग वापस लौटना पड़ गया.

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खंडवा नगर निगम मंगलवार को पुराने मटन मार्केट में जेसीबी मशीन के जरिए कब्जा हटा रही थी. अचानक कार्रवाई का विरोध कर रही भीड़ JCB मशीन पर चढ़ गई और हंगामा करने लगी. हंगामा बढ़ा तो नगर निगम के अधिकारी बिना अतिक्रमण हटाए मौके से वापस लौटे गए.

निगम का कहना है कि पुराना तोड़कर नया मार्केट बनाया जाएगा

मामले पर निगम उपायुक्त ने कहा कि मार्केट बहुत पुराना हो चुका है. इसलिए उसे तोड़कर नया बनाया जाएगा. इसलिए उसे तोड़ने आए है. इसके बाद फिर से नीलामी की जाएगी, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि एकदम से मार्केट ना तोड़ा जाए और अगर तोड़कर दुकान बनाई जा रही है तो, यह दुकान उन्हें ही दी जानी चाहिए

कांग्रेस पार्षद इकबाल कुरैशी ने मार्केट नहीं हटाने की दी चेतावनी

रिपोर्ट के मुताबिक खंडवा नगर निगम के अधिकारी शहर के बुधवारा बाजार में बरसों पुराने मटन मार्केट को तोड़ने गई थी, लेकिन तोड़-फोड़ के खिलाफ हुए जोरदार हंगामे के बाद निगम अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे हटना पड़ गया. इस दौरान कांग्रेस पार्षद इकबाल कुरैशी भी आ गए और अधिकारियों को मटन मार्केट नहीं हटाने की चेतावनी दी.

बुधवारा बाजार स्थित मटन मार्केट में निगम की कार्रवाई को देखकर वहां मौजूद भीड़ ने जमकर हंगामा किया. भीड़ निगम की जेसीबी मशीनों को घेरकर खड़ी हो गई और जेसीबी का रास्ता रोक लिया. हंगामा बढ़ता देख निगम के अधिकारियों को बिना कार्रवाई किए ही वहां से लौटना पड़ा.

दुकानदारों का कहना है कि निगम से 1 दिन पहले ही नोटिस मिला

निगम की कार्रवाई के विरोध में खड़े दुकानदारों का कहना था कि, उन्हें एक दिन पहले ही नोटिस मिला है. उन्हें समय भी नहीं दिया गया, हम लोग निगम आयुक्त से मिलने भी गए थे, लेकिन हमें मिलने के लिए उन्होंने शाम का समय दिया था, लेकिन उससे पहले ही निगम के अधिकारी जेसीबी लेकर पहुंच गए.

‘हम लोग यहां किराएदार हैं, जिसकी रसीदे भी उनके पास मौजूद है’

दुकानदारों का कहना है कि वो करीब 150 साल पुराने किराएदार है. उन्होंने किसी तरह का कोई अतिक्रमण नहीं किया है और अगर निगम यहां नया मार्केट बनाना चाहती है तो हमने भी मांग की है कि लागत मूल्य पर दुकानें बनाकर मौजूदा दुकानदारों को ही दुकान दी जाए. उनका कहना है कि हम लोग यहां किराएदार हैं, जिसकी रसीदे भी उनके पास मौजूद है.

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