इटावा में सड़कों पर गोवंश का आतंक बरकरार, प्रशासन के तमाम दावे फेल

इटावा: जिले में आवारा गोवंश का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए किए जा रहे तमाम दावे धरातल पर विफल साबित हो रहे हैं. नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक अन्ना गोवंश का बोलबाला है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. सड़कों पर बेखौफ घूमते इन गोवंशों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, जिससे राहगीर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं.

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कस्बे और शहरों में आवारा गोवंशों का झुंड हर जगह आसानी से देखा जा सकता है. ये झुंड अक्सर सड़कों के बीचोंबीच बैठे रहते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है और जाम की स्थिति बन जाती है. कई बार ये गोवंश अचानक से राहगीरों पर हमला कर देते हैं, जिससे उन्हें चोटें आती हैं और वे भयभीत हो जाते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस समस्या के कारण उन्हें अपने दैनिक कार्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

 

ग्रामीण क्षेत्रों में अन्ना गोवंश किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं. किसानों को अपनी फसलों को इन आवारा पशुओं से बचाने के लिए रात भर खेतों में पहरा देना पड़ रहा है. उनका कहना है कि जरा सी असावधानी बरतने पर ये गोवंश पल भर में उनकी पूरी फसल को चट कर जाते हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है. किसानों के लिए यह समस्या उनकी जीविका पर सीधा खतरा बन गई है.

प्रमुख सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी आवारा गोवंश का आतंक कम नहीं है. सड़क किनारे झाड़ियों और अन्य स्थानों पर छिपे हुए ये पशु अचानक से सड़क पर आ जाते हैं, जिससे तेज गति से आ रहे वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इन हादसों में कई बार लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और कुछ मामलों में जान भी चली गई है.
आवारा गोवंश की समस्या से निपटने के लिए समय-समय पर प्रशासन द्वारा गोवंश पकड़ने के अभियान चलाए गए, लेकिन ये अभियान नाकाफी साबित हुए हैं. कुछ दिनों तक स्थिति थोड़ी बेहतर जरूर होती है, लेकिन उसके बाद फिर से सड़कों पर गोवंश की संख्या बढ़ जाती है. कई वर्ष बीत जाने के बावजूद इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका है.

इटावा के आम नागरिक, राहगीर और किसान सभी इस आवारा गोवंश के आतंक से त्रस्त हैं. वे प्रशासन से इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि उन्हें इस दैनिक परेशानी और खतरे से मुक्ति मिल सके. लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे सड़कों और खेतों में गोवंश का आतंक समाप्त हो सके.

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