झारखंड की राजधानी रांची में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने ‘चोरी और सीनाजोरी’ की कहावत को बिल्कुल सटीक साबित कर दिया है. यहां चोरी करने आए एक गिरोह के सदस्य ने खुद थाने पहुंचकर ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया है. यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सोशल मीडिया और शहरभर में भी चर्चा का विषय बन गई है.
दरअसल, घटना 4 जून की रात एक बजे की है. पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी विजय कुमार अपने पांच साथियों के साथ रांची के सत्यारी मोहल्ले में चोरी करने पहुंचा था. चोरों ने एक मकान में घुसकर अलमारी से सोने की चेन और नकदी चुराई. लेकिन तभी मकान मालिक की नींद खुल गई और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया.
इसके बाद चोरों ने उसका मुंह दबाकर आवाज को दबाने की कोशिश की, यहां तक कि उसे कुएं में फेंकने की कोशिश भी की गई. मगर, शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण जाग गए और घटनास्थल पर पहुंच गए. दो चोर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले, जबकि विजय समेत चार अन्य पकड़े गए. ग्रामीणों ने उनकी जमकर पिटाई की और बाद में पुलिस को सौंप दिया. विजय का हाथ टूट गया और उसके साथियों को भी गंभीर चोटें आईं.
अब कहानी में ट्विस्ट तब आया जब विजय कुमार ने खुद जगन्नाथपुर थाने में पहुंचकर ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट की FIR दर्ज करवा दी. विजय ने अपने बयान में कहा कि ग्रामीणों को उन्हें सिर्फ पुलिस के हवाले करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने “गैरकानूनी तरीके” से हिंसा की. थानाध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने पुष्टि की कि अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
वैसे यह मामला इसलिए भी अनोखा है क्योंकि आमतौर पर चोर पकड़े जाने पर चुप्पी साध लेते हैं, लेकिन यहां उल्टा चोर ही पुलिस से न्याय मांगने पहुंच गया.