राजस्थान के झुंझुनूं में एक किसान को पुलिस ने 9.91 लाख रुपए की वसूली का नोटिस भेजा है. नोटिस के साथ ही कहा गया है कि अगर 7 दिन के अंदर पैसे जमा नहीं करवाए तो कार्रवाई होगी. दरअसल, झुंझनूं के नवलगढ़ के गोठड़ा में 10 दिसंबर को एक किसान विद्याधर यादव अपने परिवार को लेकर चिता पर बैठ गया था और सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा था. उसे बचाने के लिए भारी पुलिस बल का इंतज़ाम करना पड़ा था. इसके एवज़ में पुलिस ने भारी भरकम बिल, नोटिस के रूप में किसान को दे दिया है.
झुंझनूं एसपी शरद चौधरी ने राजस्थान सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए किसान विद्याधर यादव को नोटिस दिया है. दरअसल, विद्याधर यादव और उसके पत्नी-बच्चों ने एक सीमेंट कंपनी पर जमीन का मुआवजा नहीं देने पर इच्छा मृत्यु की मांग की थी.
किसान परिवार को सामूहिक आत्मदाह से बचाने के लिए एक एएसपी, 2 डीएसपी, 2 सीआई, 3 एसआई, 6 एएसआई, 18 हेडकांस्टेबल, 67 कांस्टेबल समेत कुल 99 पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को लगाया गया था.
इस जाब्ते के साथ राजकीय वाहनों का प्रयोग किया गया. जिसके चलते राजकोष पर अतिरिक्त भार पड़ा है. विद्याधर यादव और उसके परिवार की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए 9 लाख 91 हजार 577 रुपए खर्च हुए. इस रकम को 24 दिसंबर तक एसपी कार्यालय के लेखा शाखा में जमा करवाने के आदेश दिए गए हैं. अगर ऐसा नहीं होता है, तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाने की बात कही गई है.
इस तरह इच्छा मृत्यु या फिर आत्मदाह से बचाने के लिए राजस्थान पुलिस ने पहली बार नोटिस थमाया है, किसान परिवार की आत्मदाह की धमकी के बाद सीमेंट कंपनी ने तीन करोड़ का मुआवजा दिया है, लेकिन इस नोटिस से किसान के भी होश उड़े हुए हैं. एसपी चौधरी ने बताया कि नोटिस नियमानुसार दिया गया है, राशि जमा ना करवाने पर आगामी कार्रवाई होगी. 17 दिसंबर को जारी नोटिस में 7 दिन का समय दिया गया है.