लखीमपुर खीरी : बाघ के पकड़े जाने की खबर सुनते ही आसपास के गांवों से भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत की सांस ली। यह बाघ पिछले कुछ महीनों से कई मवेशियों को अपना शिकार बना चुका था, जिसके कारण क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल था.
इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक विशेष रणनीति तैयार की थी। ग्रामीणों की शिकायतें और बढ़ते हमलों को देखते हुए, वन विभाग ने मझगई के चौखड़ा फार्म के खेतों में एक बड़े पिंजरे को विशेष स्थान पर लगाया। पिंजरे में मांस का चारा रखकर बाघ को आकर्षित करने की योजना बनाई गई थी। कई दिनों के इंतजार के बाद, आखिरकार बीती रात यह खतरनाक बाघ पिंजरे में कैद हो गया।
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
बाघ के पकड़े जाने के बाद, गांव वालों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों के अनुसार, इस बाघ ने न केवल मवेशियों का शिकार किया, बल्कि लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया था. कई लोग अपने घरों से निकलने में डरने लगे थे और बच्चों को बाहर खेलने से रोक दिया गया था.वन विभाग की इस सफलता ने ग्रामीणों को अब सुरक्षा का अहसास कराया है.
आगे की कार्यवाही
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए बाघ की पहले स्वास्थ्य जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे किसी प्रकार की चोट न आई हो। इसके बाद, बाघ को दुधवा टाइगर रिजर्व के सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ने की योजना बनाई जा रही है, ताकि वह प्राकृतिक आवास में रह सके और इंसानों के लिए खतरा न बने।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल के आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखें और किसी भी जंगली जानवर को देखकर तत्काल विभाग को सूचित क