वाराणसी: आज पूरे देश में धूमधाम से छठ महापर्व मनाया जा रहा है. इसी क्रम में काशी में किन्नर समुदाय की तरफ से भी परंपरागत तरीके से छठ पर्व मनाया गया. इस दौरान छठी मईया को चढ़ाए जाने वाला प्रसाद-भोग के साथ साथ उनके द्वारा भगवान भास्कर को अर्घ भी दिया गया.आरोग्य समृद्धि खुशहाली का प्रतीक माने जाने वाले इस पर्व को लेकर किन्नर समुदाय में भी काफी उत्साह देखा गया. ऐसा पहली बार हुआ जब इनके द्वारा भी न सिर्फ घाट पर पहुंचकर भगवान सूर्य को अर्घ दिया गया बल्कि विधि विधान से छठ पर्व से जुड़े सभी पूजन को भी संपन्न किया गया .
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
लोक आस्था का महापर्व छठ काशी में भी धूमधाम से मनाया गया. गंगा घाट के साथ-साथ वरुण तटवर्ती क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के अलग-अलग तालाब कुंड वाले जगहों पर भी लोग विधि विधान परंपरागत तरीके से इस महापर्व को संपन्न कराने के लिए पहुंचे. वहीं इस बार किन्नर समुदाय में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया. वरुणा के तटवर्ती क्षेत्र में पहुंचकर किन्नर समुदाय ने भी भगवान सूर्य को अर्घ दिया.
किन्नर समुदाय के अध्यक्ष सलमा ने कहा की विधि विधान और पूरे उत्साह के साथ विश्व भर में छठ पर्व मनाया जाता है. हमारे समुदाय के तरफ से भी पहली बार वाराणसी में पूजन के उद्देश्य से इस पर्व में शामिल हुआ गया है. हम सभी ने व्रत रखते हुए भगवान सूर्य से प्रार्थना की है कि हमारे देश के अन्नदाता और जवान सुरक्षित रहें. इसके साथ ही हमारा देश निरंतर उन्नति और खुशहाली के मार्ग पर अग्रसर हो. यही हमारी छठी मईया से प्रार्थना है. हमने इस पर्व के पूजन विधि अनुसार व्रत भी रखा है, हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें इस पर्व पर पूजन करने का अवसर मिल रहा है.
काशी के घाटों पर उमड़ा जन सैलाब
7 नवंबर और 8 नवंबर को भगवान सूर्य को अस्त होते और उदय होते अर्घ देने के लिए लाखों की संख्या में लोग काशी के घाट पर उमड़ पड़े. जैसे ही भगवान सूर्य आसमान में दिखाई दिए लोगों ने अर्घ देकर उन्हें नमन किया और अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की. घाटों पर बनाए गए बेदी स्थल पर माताओं बहनों ने छठी मईया का पूजन किया. घर के अन्य सदस्य भी अपने सर पर डलिया-पूजन सामग्री रखकर घाट पर जाते हुए दिखाई दिए.