ब्यावर: रायपुर मारवाड़ बर ग्राम के वार्ड संख्या 11 व 12, विशेष रूप से मेघवालों का मोहल्ला और आसपास के क्षेत्र, लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. घरों के पीछे खेतों में पानी भर जाने से कई मकानों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. बर ग्राम में वर्षों से सूखा पड़ा बर ग्राम का तालाब इस वर्ष बारिश के कारण पूरी तरह लबालब हो गया है.
तालाब के पानी के रिसाव होने से उसका पानी खेतों के रास्ते आबादी क्षेत्र में घुस गया है. जिससे लोगों के घरों के पीछे पानी भर रहा है. इससे ना केवल लोगों की निजी संपत्तियों को नुकसान हो रहा है. बल्कि जानमाल का खतरा भी उत्पन्न हो गया है. स्थानीय निवासी एवं मोहल्लेवासियों ने बताया कि वार्ड के पास स्थित दो निजी विद्यालयों में भी जल निकासी का कोई ठोस प्रबंध नहीं है, जिसके कारण विद्यालय परिसर में पानी भर जाता है और छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या की जानकारी पहले भी कई बार उपखंड प्रशासन को दी जा चुकी है. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसी को लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने एकजुट होकर उपखंड अधिकारी सुमित्रा बिश्नोई को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ही जल निकासी की स्थाई व्यवस्था नहीं की गई, तो वे मजबूर होकर उपखंड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
ज्ञापन देने वालों में वार्ड पंच राकेश तंवर, मोहनलाल गुर्जर, प्रदीप जलवानियां, डूंगर राम तंवर, जगदीश प्रसाद तंवर, हेमाराम तंवर, उदाराम, श्रवण कुमार, चंपा देवी, साविता देवी, सुशीला देवी, राधा देवी, भंवरलाल, चेतन, नेमाराम, गौतम चंद सहित बड़ी संख्या में मोहल्लेवासी मौजूद रहे.
ग्रामीणों की मांग
जल निकासी की स्थाई व्यवस्था की जाए. प्रभावित इलाकों का तुरंत सर्वे कर राहत कार्य प्रारंभ हो. विद्यालय परिसरों से जल निकासी की त्वरित व्यवस्था हो.
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण समस्या विकराल रूप ले रही है. समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह जन आंदोलन का रूप ले सकते है.