पति के लापता होने पर नहीं चुका सकी लोन, फाइनेंस कंपनी ने बच्चों समेत महिला को घर से निकाला… बरसात में सड़क किनारे रात बिताने को मजबूर

झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनूं जिले पिलानी क्षेत्र के खेड़ला गांव से एक बेहद मार्मिक और संवेदनशील मामला सामने आया है, जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया है. यहां एक निजी फाइनेंस कंपनी ने लोन की किश्तें न चुकाने पर एक गरीब महिला को उसके छोटे-छोटे बच्चों सहित घर से बेदखल कर दिया. अब यह परिवार बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर है.

जानकारी के अनुसार, ‘आवास फाइनेंस कंपनी’ ने SARFAESI एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए महिला के मकान पर कब्जा कर उसे सील कर ताला लगा दिया. यह मकान महिला के पति ईश्वर नायक के नाम पर था, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले उक्त कंपनी से ऋण लिया था.  लेकिन करीब तीन साल पहले ईश्वर नायक रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है.

पति के गुम हो जाने के बाद महिला ने अपने दो मासूम बच्चों की जिम्मेदारी अकेले उठाई. वह एक निजी स्कूल में सफाईकर्मी के तौर पर कार्य करती हैं और मामूली वेतन में जैसे-तैसे घर चला रही थीं. आर्थिक तंगी के चलते वह लोन की किश्तें समय पर नहीं चुका सकीं, जिस पर कंपनी ने सख्त कार्रवाई करते हुए मकान खाली करवा लिया. अब महिला और उसके बच्चे बिना छत, बिस्तर व सुरक्षा के सड़क किनारे जीवन यापन कर रहे हैं. लगातार हो रही बारिश ने हालात और भी भयावह बना दिए हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने भोजन व वस्त्र देकर सहायता करने का प्रयास किया है, लेकिन रात्रि में खुले में सोने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

खेड़ला ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिंह ने बताया कि महिला की स्थिति बेहद दयनीय व असुरक्षित है. उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर इस परिवार के लिए सुरक्षित आश्रय व राहत सहायता प्रदान करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल कर्ज वसूली का मामला नहीं, बल्कि एक लाचार मां और मासूम बच्चों के जीवन व सम्मान की लड़ाई है. उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

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