MP के इंदौर से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला का धड़ इंदौर में जब कि उसके हाथ-पैर करीब एक हजार किलोमीटर दूर ऋषिकेश में मिलने से हड़कंप मच गया। दोनों राज्यों कि पुलिस एक-दूसरे के संपर्क में है। जांच जारी है, पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये महिला कौन है और उसकी हत्या किसने और क्यों की?
महिला के शरीर के कुछ हिस्से पैसेंजर ट्रेन में!
8 मई की रात करीब 10 बजे पैसेंजर ट्रेन इंदौर पहुंची। ये ट्रेन अंबेडकर नगर से इंदौर आई थी, जो प्लेटफार्म नंबर चार पर रुकी थी। यात्रियों से खाली होने के बाद ट्रेन को यार्ड में पार्क किया गया और यहां ट्रेन की सफाई की जा रही थी। सफाई कर्मी रिंकू ठाकुर ट्रेन की सफाई कर रहा था, तभी उसने एक कोच के केबिन के नीचे एक बैग और प्लास्टिक की बोरी देखी। जब दोनों को खुला गया तो उसमें महिला की कटी हुई लाश मिली। उसने इसकी सूचना तुरंत स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने पुलिस को जानकारी दी। जीआरपी पुलिस ने बैग को पूरी तरह खोला तो पाया कि महिला के कमर से सिर तक का हिस्सा ट्रॉली बैग में था, जब कि दूसरा कमर से घुटने तक का हिस्सा प्लास्टिक बोरी में पैक करके रखा गया था। युवती की उम्र 20 से 22 साल के बीच लग रही थी। मामले की जांच शुरू हुई। मगर सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर ये बॉडी पैसेंजर ट्रेन में कैसे पहुंच गई? पुलिस को अंदेशा हुआ कि यह डेड बॉडी कहीं और से लाकर इस ट्रेन (डॉ अंबेडकर नगर महू से इंदौर के बीच में ) में रखी गई होगी। शायद युवती की लाश के टुकड़े कर इन्हें अलग-अलग जगह फेंक कर पुलिस को गुमराह करने की योजना थी। बहरहाल जांच जारी थी।
दो दिनों तक चलती रही जांच
जांच के दौरान दो दिन बीत गए। इस दौरान पुलिस ने महू और उज्जैन समेत आस-पास के तमाम रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की। इसके साथ ही आसपास के शहरों में भी जांच की। जीआरपी टीआई संजय शुक्ला ने बताया कि जांच दल अलग-अलग जगहों पर छानबीन कर रहे हैं मगर अभी तक महिला की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
महिला के हाथ और पैर उज्जैन एक्सप्रेस ट्रेन में!
इसी बीच केस से जुड़ी अहम खबर ऋषिकेश से मिली। इंदौर में लाश के टुकड़े मिलने के दो दिन बाद अब उज्जैन एक्सप्रेस में भी किसी महिला की लाश के टुकड़े मिले थे। लाश के पैर और हाथ मौजूद थे, बाकी हिस्सा गायब था। हाथ पर हिंदी में मीराबेन और गोपाल भाई गुदा हुआ था। रेलवे पुलिस हैरत में थी कि आखिर बिना धड़ के ये लाश किसकी है और यहां तक कैसे पहुंची? इसी बीच इंदौर और ऋषिकेश के पुलिसवालों के बीच संपर्क हुआ। और तब जा कर खुलासा हुआ कि धड़ और हाथ-पैर के टुकड़े दरअसल एक ही महिला की लाश के हैं।
आखिर कहां रखे गये अलग-अलग ट्रेनों में शव के टुकड़े?
तफ्तीश से पता चला कि शव के टुकड़े जिन दो ट्रेनों में मिले थे वो दोनों रेलगाड़ियां दरअसल एक ही वक्त में उज्जैन में मौजूद थीं। जानकारी के मुताबिक शनिवार को नागदा से महू के लिए रवाना हुई पैसेंजर ट्रेन शाम 5.15 से 5.30 बजे तक उज्जैन स्टेशन पर खड़ी थी। इसी तरह लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से ऋषिकेश के लिए रवाना हुई योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस भी 4.55 से 5.20 तक उज्जैन स्टेशन पर मौजूद थी। बहुत मुमकिन है कि आरोपियों ने लाश के हिस्से अलग-अलग बोरियों में रखकर यहीं से इन दो ट्रेनों में रख दिए और फरार हो गए। पुलिस फिलहाल इतना ही अंदाजा लगा पाई है कि अज्ञात महिला गुजरात से संबंध रखती है। मगर अब तक कि जांच में इससे आगे का खुलासा नहीं हो पाया है।