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जल्द शुरू होगा ‘क्रिस सिटी’ का काम, तीन चरणों में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का शहर, 88 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

अमरावती: आंध्र प्रदेश के पहले ग्रीन फील्ड स्मार्ट इंडस्ट्रियल शहर ‘क्रिस सिटी’ का काम शुरू होने वाला है. आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों को सितंबर के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों क्रिस सिटी की आधारशिला रखने की उम्मीद है.

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पिछली टीडीपी सरकार (2014-19) को चेन्नई-बैंगलोर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत क्रिस सिटी के विकास के लिए केंद्र से अनुमति मिली थी. हालांकि, जगन सरकार के समय टेंडर को अंतिम रूप देने और काम को आगे बढ़ाने में देरी हुई. इसके बाद हाल ही में संपन्न हुए चुनाव से पहले जल्दबाजी में टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई.

इस परियोजना को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के क्षेत्र के संगठन नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेनटेशन ट्रस्ट (NICDICT) ने साझेदारी में शुरू किया है. सरकार ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के अच्छे भविष्य को देखते हुए क्रिस सिटी और अच्युतपुरम SEZs में ऐसी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का फैसला किया है.

तीन चरणों में बनेगी क्रिस सिटी
जैकब्स इंजीनियरिंग ग्रुप ने अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप ‘क्रिस सिटी’ की स्थापना के लिए मास्टर प्लान और मॉडल तैयार किया है. क्रिस सिटी का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक केंद्र ने आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रस्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (APIIC) ने 2134 एकड़ में लगभग 1054 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दिए गए प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है.

अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप होगा शहर
सरकार का विचार अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप अत्याधुनिक शहर बनाने का है, जिसमें हरित क्षेत्र, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए ट्रैक, वर्कप्लेस पर रेसिडेंशियल एरिया, फूड कोर्ट और वर्क शेड आदि होंगे. अगर राज्य सरकार के हिस्से के तहत भूमि उपलब्ध कराई जाती है तो निकडिक्ट बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन मुहैया कराएगा.

88 हजार लोगों को रोजगार
अनुमान है कि इस नोड के पहले चरण में विकास और बुनियादी ढांचे के माध्यम से लगभग 18,458 करोड़ रुपये का निवेश और 88 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. केंद्र सागरमाला परियोजना के तहत कृष्णापटनम बंदरगाह और समुद्र तट के साथ सड़कों का विकास कर रहा है. इससे न केवल परिवहन सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि बेंगलुरु, अनंतपुर, विजयवाड़ा और चेन्नई शहरों को सड़क संपर्क भी मिलेगा.

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