अंतरिक्ष में एलियन की खोज के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप चिली के एक पहाड़ के ऊपर बन रहा है. इस टेलिस्कोप के लिए एक बहुत बड़ा गुंबद बनाया जा रहा है. इसका संचालन यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी (ESO) करेगी. इस टेलिस्कोप का नाम है एक्स्ट्रीमली लार्ज टेलिस्कोप (ELT).
इस टेलिस्कोप को चिली के अटाकामा रेगिस्तान में मौजूद सेरो आर्माजोन्स पहाड़ के ऊपर बनाया जा रहा है. उम्मीद है कि चार साल बाद यानी 2028 में यह टेलिस्कोप पहली बार अपना काम शुरू करेगा. फिलहाल गुंबद के ऊपर का सुरक्षा कवच लगाया जा रहा है. साथ ही प्राइमरी मिरर के लिए सपोर्ट लगाया जा रहा है.
अभी आप जो यहां पर तस्वीरें देख रहे हैं, यह जून 2024 में ली गई हैं. गुबंद के चारों तरफ थर्मल इंसुलेशन लगाया जा रहा है. बैरियर्स बनाए जा रहे हैं. साथ ही मौसम से बचाने वाले कवर लगाए जा रहे हैं. क्योंकि चिली के इस रेगिस्तान में तापमान चरम स्थिति तक चला जाता है. इस गुंबद का एक हिस्सा स्लाइड करके खुलेगा और बंद होगा.
दूसरे ग्रहों, एलियन दुनिया की खोज करेगा यह टेलिस्कोप
जहां से हिस्सा खुलेगा और बंद होगा, वहीं से टेलिस्कोप अंतरिक्ष में निगरानी करेगा. वह दूसरी दुनिया के ग्रहों की खोज करेगा. सौर मंडल की स्टडी में मदद करेगा. साथ ही प्राचीन आकाशगंगाओं की खोज करेगा. जो बिग बैंग या उससे पहले बने. स्लाइडिंग डोर्स के लिए बीम बन गए हैं. ये डोम टेलिस्कोप को रेगिस्तान की गर्मी औऱ धूल से बचाएगा.
128 फीट चौड़ा और 200 टन वजनी है प्राइमरी मिरर
ELT का प्राइमरी मिरर (M1) 128 फीट चौड़ा होगा. इसका वजन करीब 200 टन होगा. टेलिस्कोप को सेट करने के लिए गुंबद के अंदर बड़े-बड़े क्रेन और गाड़िया लगी हैं. इन तस्वीरों से पता चलता है कि ये टेलिस्कोप कितना विशाल होगा. प्राइमरी मिरर बनाने के लिए 798 षटकोण कांच जोड़े गए हैं.
इस टेलिस्कोप में लगाए जाएंगे अलग-अलग पांच मिरर
यह दुनिया का सबसे बड़ा सेगमेंटेड मिरर है, जिसे किसी टेलिस्कोप के लिए बनाया जा रहा है. ELT में कुल मिलाकर पांच मिरर होंगे. सबके अलग-अलग आकार होंगे. सबका अलग साइज होगा. सबका अलग काम होगा. ताकि ये अंतरिक्ष की बखूबी जांच-पड़ताल कर सकें.