हाल के वर्षों में होम लोन (Home Loan) उद्योग में कई उतार-चढ़ाए आए हैं, जैसे बढ़ती ब्याज दरें, प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमतें और अन्य इकोनॉमिक बदलाव. इन सभी वजहों से घर के खरीदारों के लिए घर खरीदना मुश्किल होता जा रहा है, खासतौर पर अफॉर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में.
बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक अतुल मोंगा का मानना है कि साल 2025 में अफॉर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के लिए अनुकूल होगा. ब्याज की दरों में बदलाव, अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए सरकार से मिल रहे सहयोग और लोन की प्रक्रिया में तकनीकी प्रगति के चलते आने वाले सालों में घर के खरीददारों को राहत मिलेगी. आइए इन पहलुओं पर एक नजर डालें.
ऊंची ब्याज दरें
ब्याज दरें की बात करें RBI ने मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच ब्याज दरों में 250 बेसिस पॉइन्ट्स की बढ़ोतरी की, जिसका होम लोन लेने वालों पर बुरा प्रभाव पड़ा, क्योंकि इससे होम लोन लेने वालों की EMI बढ़ गई, इससे उनपर आर्थिक दबाव बढ़ गया. लोन लेने वाले बहुत से उपभोक्ताओं ने अपनी EMI मैनेज करने के लिए लोन की अवधि को बढ़ा दिया.
आरबीआई ने अप्रैल 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का चक्र रोक दिया. 6 दिसंबर को जारी पिछली मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को लगातार 11वीं बार न बदलते हुए 6.50 फीसदी पर रखा. ब्याज दरों में कटौती की चर्चा हो रही है. लेकिन इस साल इस बात की संभावना नहीं है.
प्रॉपर्टी की ऊंची कीमतें
ब्याज दरें बढ़ने के साथ भारत में हाउसिंग की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गईं, खासतौर पर मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू और चेन्नई जैसे महानगरों में. वास्तव में एनारॉक प्रॉपर्टी कन्सलटेन्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप सात शहरों में रिहायशी संपत्ति की औसत कीमतें पिछले साल की तीसरी तिमाही की तुलना में इस साल की तीसरी तिमाही में 23 फीसदी बढ़ी हैं.
कच्चे माल जैसे स्टील और सीमेंट की कीमतें बढ़ने के कारण प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, जिसका असर घर के खरीदारों-खासतौर पर मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ा. होम लोन और प्रॉपर्टी की ऊंची कीमतों के चलते पहली बार घर खरीदने वाले कई उपभोक्ताओं के लिए डाउन पेमेंट के लिए पैसे इकट्ठा करना मुश्किल हो गया.
इसके अलावा हाउसिंग मार्केट में, खासतौर पर प्रीमियम और लग्जरी प्रॉपर्टीज में मंदी देखी गई, जहां मांग स्थिर हो गई. एनारॉक के रीसर्च के मुताबिक 2024 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के रियल एस्टेट (Real Estate) मार्केट में 11 फीसदी की गिरावट आई
साल 2025 कैसा होगा (ब्याज दरों में हो सकती है कटौती)
2025 की बात करें तो ब्याज दरों को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, जहां एक और मुद्रास्फीति की चिंता बनी हुई है, वहीं इस बात के संकेत भी है कि आरबीआई पॉलिसी की दरों में कटौती कर सकता है. विशेषज्ञों को अनुमान है कि 2025 में रेपो रेट में 50-75 बेसिस पॉइन्ट्स की कटौती की जा सकती है, अगर खाद्य मुद्रास्फीती कम हो जाती है. इससे होम लोन की ब्याज दरें कम होंगी और लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, जिन्हें हाल ही में बढ़ती EMI का सामना करना पड़ा है.
इससे पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अवसर उत्पन्न होंगे, जो अभी लोन की ऊंची लागत को लेकर चिंतित हैं. लोन लेने वालों को ईएमआई में कुछ राहत मिलेगी और आने वाले समय में लोन की शर्तें उनके लिए कुछ अनुकूल हो जाएंगी.
अफॉर्डेबल हाउसिंग
केन्द्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना अरबन 2.0 के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई, जिसका उद्देश्य 100 लाख शहरी परिवारों को आवास सुविधाएं प्रदान करना था. उम्मीद है कि इस निवेश से 2025 में अफॉर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को गति मिलेगी.
सरकारी प्रयास जैसे ब्याज में सब्सिडी और कर के फायदों के चलते घर के खरीददारों को कुछ राहत मिलेगी और होम लोन की मांग बढ़ेगी. इससे फाइनेंशियल संस्थान की ओर से प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों और पुनःभुगतान की प्रत्यास्थ दरों को बढ़ावा मिलेगा.
लोन की प्रक्रिया में डिजिटल रूपान्तरण
होम लोन उद्योग में टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है, आज बड़ी संख्या में ऋणदाता लोन ऐप्लीकेशन, प्रोसेसिंग और मैनेजमेन्ट के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रूख कर रहे हैं. क्रेडिट असेसमेन्ट और डिजिटल डॉक्यूमेन्ट सबमिशन में एआई का उपयोग होने से लोन की प्रक्रिया अधिक आसान, तेज और पारदर्शी हो जाएगी.
होम लोन सेक्टर में डिजिटल बदलावों से खरीददारों के लिए लोन लेना, ऑफर्स की तुलना करना, ऑनलाईन आवेदन करना अधिक आसान हो जाएगा. पेपरवर्क में कम समय लगेगा, जिससे उन्हें लोन के लिए कम इंतजार करना पड़ेगा. फिनटेक प्लेटफॉर्म भी आज के टेक-सेवी उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक दरें और नियम लाकर इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
आने वाले समय में ब्याज दरों के स्थिर होने, अफॉर्डेबल हाउसिंग पर सरकार के फोकस के चलते लोन लेने वालों को राहत मिलेगी. कुल मिलाकर साल 2025 कम ब्याज दरों, सरकार से सहयोग और अधिक स्थाई हाउसिंग मार्केट के साथ ऋण लेने वालों के लिए कई फायदे लेकर आएगा.