भोपाल की जिला अदालत में शुक्रवार को जो हुआ, उसने एक बार फिर कानून और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) के तहत शादी करने आए एक युवक को .हां बेरहमी से पीटा गया. पहले कोर्ट कैंटीन में उसकी पिटाई की गई, फिर पुलिस चौकी के बाहर और अंत में पुलिस की गाड़ी में भी उसे निशाना बनाया गया, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित युवक को अपराधी बनाकर उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया!
क्या अब कोर्ट परिसर भी सुरक्षित नहीं?
कोर्ट परिसर में खुलेआम युवक की पिटाई होती रही और भीड़ तमाशबीन बनी रही, लेकिन किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की. तस्वीरों में साफ दिख रहा था कि हमलावर खुलेआम युवक को लात-घूंसों से पीटते रहे. इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन कोई रोकने नहीं आया. उल्टा, पीड़ित को उठक-बैठक कराई गई. उसे अपमानित किया गया और अंत में उस पर ही केस दर्ज कर दिया गया
वकील पर भी धोखाधड़ी का आरोप!
पीड़ित का आरोप है कि जिस वकील पर भरोसा किया था, उसने 40 हजार रुपये तो ले लिए, लेकिन शादी नहीं करवाई और हमलावरों को भी बुला लिया. पीड़ित सैय्यद खान का कहना है कि हम दोनों लोग कोर्ट मैरिज करने के लिए गए थे. हमसे वकील ने आधार कार्ड की फोटो कॉपी मंगवाई और साइन करने को कहा, इसके बाद वह 35 हज़ार रुपये लेकर वकील तो चला गया, लेकिन दूसरे लोग आ गए और उन्होंने मारपीट शुरू कर दी. मारपीट करने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि जबरदस्ती लेकर आए हो, लव जिहाद कर रहे हो, जबकि लड़की ने खुद कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. लड़की के भाई ने ही वकील का नंबर दिया था, क्योंकि उन्होंने खुद कोर्ट मैरिज किया था. लड़की खुद वकील से बात कर रही थी और वकील ने शादी करने के लिए बुलाया था. साथ ही उन्होंने 50-60 हजार रुपये का खर्च भी बताया था. पीड़ित सैय्यद खान ने आगे कहा कि मैंने कुल 40 हज़ार वकील दिए. लेकिन, वकीलों ने मोबाइल भी छीन लिया और वकीलों ने भी मारपीट करने के बाद उठक-बैठक भी कराई. इसके साथ ही पैसे भी वापस नहीं मिले, मैं न्याय चाहता हूं.
आरोपों को झुठला रहे हैं वकील साहब
वकील साहब आरोपों को झुठला रहे हैं, कहते हैं हिन्दूवादी संगठनों का अपना नेटवर्क है. एडवोकेट अक्षय करण ने कहा कि कोई पैसे नहीं लिये मैंने. वे यूं ही घूमते हुए आए थे. उन्होंने पूछा था कि शादी हो जाएगी, दोनों ने अपने आपको हिंदू बताया, लेकिन बाद में जब डॉक्यूमेंट देखे तो मैंने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं हिंदू संगठनों को क्यों बुलाऊंगा. एडवोकेट की तरह बात करें, तो कोर्ट में जो हुआ सही हुआ. मारपीट सेकेंडरी चीज है, लेकिन ऐसी चीजें होंगी, तो संगठन के लोग तो आगे आएंगे ही, हिंदू संगठन इतने एक्टिव है कि उन्हें सब जगह सब चीजें पता चल जाती है.
युवती की शिकायत के बगैर ही पुलिस ने गढ़ दी ये कहानी
पुलिस का कहना है कि लड़की की शिकायत पर युवक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, लेकिन कैमरों के सामने लड़की ने खुद कहा कि वह बिना किसी दबाव के शादी करने आई थी. हमें सारे चेहरे दिख रहे हैं, लेकिन कानून की आंखों पर तो पट्टी बंधी है. उसे कोई नहीं दिखा रहा है. पुलिस कह रही है लड़की की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है. एसीपी अक्षय चौधरी ने कहा पुलिस को न्यायालय से मारपीट की सूचना मिली थी. इसके बाद दोनों फरियादियों को थाने बुलाया गया था. महिला ने बताया शादी करने के लिए युवक ने समुदाय बदलने का दबाव बनाया, जिस संबंध में FIR दर्ज की गई है. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3 और 5 से सम्बंधित FIR दर्ज की गई है. कोर्ट में जो मारपीट हुई है, उसको लेकर असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में मामला दर्ज किया है.