मध्यप्रदेश के जबलपुर पुलिस ने वकील के साथ पुलिस थाना में बयान दर्ज कराने आए युवक के साथ एक महिला सब इंस्पेक्टर और दो महिला आरक्षकों ने बेरहमी से मारपीट की. जबलपुर के गोहलपुर में बुधवार दोपहर एक मामले में बयान दर्ज कराने यूसुफ खान को पुलिस थाने बुलाया गया था. थाने में उसके साथ दुर्व्यवहार की घटना को अंजाम दिया गया.
यूसुफ ने आरोप लगाया कि महिला सब-इंस्पेक्टर (एसआई) माधुरी वासनिक ने उसे थाने के एक कमरे में ले जाकर बेरहमी से पीटा. इस मारपीट में दो महिला आरक्षकों ने भी उसका साथ दिया. यूसुफ के अनुसार, लात-घूंसे और डंडे से उसकी पिटाई की गई. इसके चलते वह बेहोश हो गया. इस घटना के दौरान उसकी नाक और मुंह से खून बहने लगा. गंभीर हालत में पुलिस उसे उपचार के लिए विक्टोरिया अस्पताल ले गई. वहां पर कोरे कागजो में हस्ताक्षर भी कराए गए. यूसुफ ने पुलिस पर आरोप लगाया कि मारपीट के बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर बयान बदलने का दबाव भी बनाया.
सीसीटीवी फुटेज के जांच की मांग
घटना के बाद बड़ी संख्या में वकील गोहलपुर थाने पर इकट्ठे हुए और थाने के प्रभारी से उचित जांच और कार्रवाई की मांग की. जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा सहित अन्य वकीलों ने थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज के जांच की मांग उठाई. ताकि, सच्चाई सामने आ सके. मनीष मिश्रा का कहना है कि पुलिस थाने के अंदर इस तरह की घटना होना संदेह के घेरे में है. पुलिस अपराधियों के साथ मिलकर चंद पैसों की लालच में इस तरह की वारदात को अंजाम दे रही है.
पीड़ित युसूफ ने बताया कि वह बयान देने के लिए गोहलपुर पुलिस थाना आया था लेकिन, महिला सब इंस्पेक्टर माधुरी वासनिक उसे कमरे में लेकर गई. उसने उन्हें लात घूंसो एवं डंडे से दो महिला आरक्षक की मदद से बेरहमी से मारपीट की और मारपीट करने के दौरान वह बेहोश हो गया. इससे पुलिसकर्मी मुलाइज कराने के लिए विक्टोरिया अस्पताल लेकर गए.
वहीं पीड़ित अब मारपीट करने वाले महिला सब इंस्पेक्टर और आरक्षकों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं पूरे मामले में गोहलपुर थाना प्रभारी प्रतीक्षा मार्को का कहना है कि पूरे मामले जांच कराई जा जाएगी. साथ ही पुलिस थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे भी दिखाए जा रहे हैं. अगर किसी की भी गलती पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय लोगों के बीच आक्रोश
इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं. स्थानीय समुदाय के बीच आक्रोश का माहौल बना हुआ है. वहीं पीड़ित यूसुफ, एसआई माधुरी वासनिक और संबंधित महिला आरक्षकों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. इस घटना ने पुलिस विभाग की पारदर्शिता और कानून व्यवस्था के प्रति लोगों के विश्वास पर गंभीर सवाल उठाए हैं. स्थानीय वकील और सामाजिक संगठन भी इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके.