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‘तब हमें पूरे देश से एक भी ऑर्डर नहीं मिला था’, Swiggy के CEO का बड़ा खुलासा

फूड और ग्रोसरी डिलीवरी कंपनी Swiggy को आज कौन नहीं जानता. स्विगी सब्र के साथ एक सफल बिजनेस सेट करने का शानदार उदाहरण है. साल 2014 में शुरू हुई इस कंपनी की आज मार्केट में अलग ही पहचान है. पिछले कुछ सालों में, स्विगी ने कई शहरों में अपनी पहुंच को बढ़ाया और ऑन-डिमांड ग्रोसरी, पैकेज और शराब की डिलीवरी में कदम रखा.

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इस साल स्विगी अपनी 10वीं सालगिरह मना रहा है. इस मौके पर कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने कंपनी की जर्नी के बारे में बात की, जिसमें शुरुआती दिनों में उन्होंने सामने आई चुनौतियों के बारे में बताया. मंगलवार को, मजेटी ने लिंक्डइन पर एक लंबी पोस्ट शेयर की और उन सभी का आभार किया जो उनके स्विगी परिवार का अभिन्न अंग रहे हैं.

पोस्ट में, उन्होंने लॉन्च के पहले दिन जीरो ऑर्डर को भी याद किया और लिखा, ‘जब हमने 6 अगस्त, 2014 को स्विगी लॉन्च किया, तो हमें पूरे दिन में एक भी ऑर्डर नहीं मिला. अगले दिन, हमें अपना पहला ऑर्डर मिला, जिसने हमारी यात्रा की सही मायने में शुरुआत की. हमारे शुरुआती पार्टनर्स में Truffles भी शामिल था, जिसने स्विगी पर प्रतिदिन सिर्फ दो ऑर्डर से शुरुआत की थी.’

मजेटी ने उन सभी भागीदारों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने स्विगी पर तब विश्वास किया, जब फूड डिलीवरी देश में बिलकुल नई चीज थी. उन्होंने कहा, ‘उनका विश्वास और साझेदारी अमूल्य रही है, और वे निश्चित रूप से कोर संस्थापक टीम के सदस्यों की तरह हैं, जिन्होंने स्विगी को यहां तक पहुंचाया है.’

उन्होंने कहा- आज स्विग 300,000 से अधिक रेस्तरां के साथ पार्टनर है, ये हमारे लिए एक मील का पत्थर जिसका श्रेय हम शुरुआती दिनों में इसे अपनाने वालों को देते हैं. हमारे सफर का साथी बनने के लिए धन्यवाद, हम और बेहतर करने वाले हैं.’मजेटी के पोस्ट पर कई लिंक्डइन यूजर्स ने उनको बधाई दी.

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में स्थापित, स्विगी 10 अप्रैल, 2024 तक 12.7 बिलियन अमरीकी डॉलर के वैलुएशन पर पहुंच गई है. स्विगी 10वीं सालगिरह पर इस साल शेयर बाजार में भी एंटर करने वाली है. वहीं कंपनी का ज़ोमैटो के बाज़ार में पहले से ही मौजूद होने के कारण, स्विगी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने मनीकंट्रोल स्टार्टअप कॉन्क्लेव में लिस्टेड कंपटीटर होने के चैलेंजेज और एडवांटेज पर भी कमेंट किया. उन्होंने कहा, ‘लिस्टेड कंपटीटर होना अच्छा और बुरा दोनों है. हमें यह समझाने की ज़रूरत नहीं है कि ऑन-डिमांड क्या है, गिग वर्कर इकॉनमी का क्या मतलब है और हाइपरलोकल क्या है – ये सभी सकारात्मक बातें हैं. नकारात्मक बात यह है कि तिमाही-दर-तिमाही आपकी तुलना ट्राजेक्टरी पर की जाएगी.’

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