Jitan Ram Manjhi: केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने गया में शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि आतंकवाद से समस्त संसार के लोग आतंकित और प्रभावित हैं. यह अलग बात है कि किसी ने आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं की. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई थी. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने हिम्मत दिखलाई और आज आतंकवाद के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई करके संसार का अगुआ बनकर काम किया. उन्होंने दिखला दिया कि अगर आप लोग नहीं लड़ेंगे तो हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे.
‘नरेंद्र मोदी की नीति विस्तारवादी नहीं है’
जीतन राम मांझी ने ये भी कहा कि अगर पाकिस्तान के क्षेत्र को कब्जा करने की बात होती तो हमलोग बहुत आगे बढ़ गए थे. आज पीओके का मामला हो या पाकिस्तान का लाहौर, रावलपिंडी आदि सभी पर हमारा अधिकार हो गया होता, लेकिन नरेंद्र मोदी की नीति विस्तारवादी नहीं है. उन्होंने सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ बात की. जब सभी ने कहा कि कार्रवाई अच्छी हुई तो पाकिस्तान ने दूसरी ओर से त्राहिमाम किया. वैसी परिस्थिति में उन्होंने अपना काम कुछ दिनों के लिए रोक दिया है.
मांझी ने कहा, “हमारा जो ऑपरेशन सिंदूर है वह रुका नहीं है, कुछ दिनों के लिए ठहरा है. दुनिया को हमने दिखलाया है कि हममें शक्ति है. उसका दुरुपयोग नहीं करेंगे. आज भारत ने दिखला दिया की चीन निर्मित, तर्की निर्मित हथियार को धूल की तरह उड़ा दिया. संसार को यह दिखा दिया कि हममें शक्ति है. हम कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हमरा मकसद क्षेत्रवाद विस्तार का नहीं है. हमारा मकसद है आतंकवाद को दूर करने का. उसमें सभी लोगों ने साथ दिया. इसलिए कुछ दिनों के लिए ऑपरेशन सिंदूर स्थगित कर दिया गया है. जब कभी भी आतंकवाद का मामला आएगा तो हम छोड़ेंगे नहीं. यह नेक कदम है. भारत की प्रतिष्ठा इससे बढ़ी है.
पाकिस्तान पीएम के जरिए लंबित मुद्दों पर बातचीत कर हल करने के बयान पर उन्होंने कहा कि काश्मीर को उनलोग मुद्दा बनाते हैं, जबकि कश्मीर को हमलोग कोई मुद्दा नहीं मानते हैं. पीओके पर साफ बोला गया है कि उनलोग पीओके को छोड़े. वह हमारा कश्मीर का अंग है, उसे हमलोग लेकर रहेंगे. अगर यह बात छोड़कर बात करना चाहते है तो सिंधु जल, कावेरी जल देकर सिंचाई के लिए और तृप्त कर रहे थे. दूसरा रूप दिखाया तो हमने सिंधु जल समझौता को तोड़ दिया. आज उस पर अगर बात करना चाहते हैं तो पहले पाकिस्तान यह निश्चित करें कि आतंकवाद को पनपने से रोके.. तब सिंधु जल पर बात होगी. पीओके और कश्मीर पर कोई बात नहीं होगी.
गया का नाम गया जी होने पर क्या कहा?
बता दें कि बोधगया के महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया में धर्म संस्कृति संगम के तत्वाधान में 11 वां वार्षिक चीवरदान एवं संघदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बताया कि गया जिला को अपभ्रंश के रूप में गयासुर कहते थे. नाम गया का गया जी ही है. गया जी को व्यापक बनाने के लिए बिहार कैबिनेट की बैठक में गया का नाम गया जी अधिकृत किया गया है. इसके लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि गया का पुराना नाम और गौरव देने का कार्य किया है. गया जी कहने से गया कि संस्कृति, धर्म, भगवान विष्णु चरण, महाबोधी मंदिर सभी कुछ समाहित हो जाता है.