पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई की भारत ने कड़ी आलोचना की है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों के संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं. पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
PoK हिंसा में नौ लोगों की गई है जान
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में हुए विरोध प्रदर्शनों में तीन पुलिसकर्मियों समेत कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हिंसा के बाद पाकिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रदर्शनकारियों के साथ पहले दौर की बातचीत की.
वार्ता के बाद मीडिया से बात करते हुए, प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य, संघीय मंत्री अहसान इकबाल ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे “ऐसी आग न लगाएं जिससे हमारे दुश्मन देश को फायदा हो.”
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रणधीर जायसवाल ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने 18 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार थाली ड्रोइन से मुलाकात की.
रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद निरोध, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा की. वे सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करने और मौजूदा संपर्क तंत्र को और मज़बूत करने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष इन सभी मुद्दों पर संपर्क में बने हुए हैं.